stamp duty: प्रॉपर्टी कितने भी करोड़ की हो अब सिर्फ इतनी लगेगी स्टाम्प ड्यूटी- रजिस्ट्रेशन फीस, योगी सरकार का बड़ा फैसला

punjabkesari.in Wednesday, Sep 03, 2025 - 09:36 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर एक बड़ा और आम जनता के लिए बेहद राहत भरा फैसला लिया है। अब पैतृक अचल संपत्ति को परिवार के सदस्यों में बांटने पर न तो भारी-भरकम स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी और न ही ऊंची रजिस्ट्रेशन फीस। 2 सितंबर 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया, जिसका मकसद पारिवारिक संपत्तियों के बंटवारे को आसान, किफायती और कानूनी रूप से सुरक्षित बनाना है।

अब सिर्फ ₹10,000 में होगा कानूनी बंटवारा
नई व्यवस्था के तहत, अगर कोई परिवार पैतृक संपत्ति को आपसी सहमति से बांटना चाहता है, तो उन्हें अधिकतम ₹10,000 का ही भुगतान करना होगा-₹5,000 स्टाम्प ड्यूटी और ₹5,000 रजिस्ट्रेशन फीस। पहले यह खर्च लाखों रुपये तक जाता था, क्योंकि ड्यूटी सर्कल रेट के आधार पर लगती थी।
माना जाए कि किसी परिवार के पास एक करोड़ की संपत्ति है और चार वारिसों में उसका बंटवारा होना है, तो पहले तीन हिस्सों (75 लाख) पर 4% की दर से स्टाम्प ड्यूटी (₹3 लाख) और 1% रजिस्ट्रेशन फीस (₹75,000) लगती थी। अब वही प्रक्रिया महज ₹10,000 में पूरी हो सकेगी। यह आम लोगों के लिए एक बड़ी आर्थिक राहत है।

किसे मिलेगा फायदा?
सरकार की यह रियायत केवल वास्तविक व्यक्तियों के स्वामित्व वाली पैतृक अचल संपत्तियों पर लागू होगी। यह सुविधा कंपनियों, ट्रस्टों या अन्य संस्थागत संपत्तियों पर नहीं मिलेगी। साथ ही, यह नियम केवल वैधानिक उत्तराधिकारियों-जैसे पिता, पुत्र, पोता, नाती-अर्थात तीन पीढ़ियों तक सीमित रहेगा।
बंटवारा उत्तराधिकार कानूनों के तहत वैध तरीके से होना चाहिए और सभी सदस्यों के हिस्से स्पष्ट होने चाहिए। इसके लिए परिवार को Family Register जमा करना अनिवार्य होगा, जिसमें तीन पीढ़ियों का पूरा विवरण और हर सदस्य के हिस्से की वैल्यू का आंकलन दर्ज हो।

कब से होगा लागू?
स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग जल्द ही इस फैसले को लेकर अधिसूचना जारी करेगा, जिसके बाद यह छूट लागू मानी जाएगी। यह व्यवस्था अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि इससे न केवल जनता को राहत मिलेगी, बल्कि संपत्ति बंटवारे से जुड़ी कानूनी जटिलताओं और मुकदमों में भी भारी कमी आएगी।


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Content Writer

Anu Malhotra

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