हाथ-पैर पकड़े और चाकू से रेत दिया गला, पहले बगीचे में दफनाया फिर बाद में... सगे फूफा ने 9 साल के मासूम की दे दी बली
punjabkesari.in Sunday, Aug 03, 2025 - 03:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क : यूपी के देवरिया जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां तंत्र-मंत्र के अंधविश्वास में डूबे एक व्यक्ति ने अपने ही 9 साल के भांजे की बलि दे दी। आरोपी का नाम इंद्रजीत गौड़ है, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही है और गोंडा में तैनात था। इस हत्याकांड में उसके तीन रिश्तेदार, मामा जय प्रकाश, मौसी का बेटा भीम गौड़ और साढ़ू शंकर गौड़ भी शामिल थे। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और सभी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। हत्या में इस्तेमाल चाकू, वाहन, बाइक और फावड़ा भी बरामद कर लिया गया है।
यह घटना देवरिया के भलुअनी थाना क्षेत्र के पटखौली गांव की है। यहां रहने वाले योगेश कुमार गौड़ नाइजीरिया में नौकरी करते हैं। उनके घर पर पत्नी और बेटा आरुष रहते हैं। 16 अप्रैल की शाम आरुष घर से बाहर खेलने गया लेकिन वापस नहीं लौटा। अगले दिन चाचा सोमनाथ ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की और सीओ अंशुमन श्रीवास्तव के नेतृत्व में कई टीमें बनाई गईं।
जांच में सामने आया कि आरोपी इंद्रजीत, जो हाल ही में आरुष की बुआ से शादी करके ससुराल आया था, तंत्र-मंत्र में गहरी रुचि रखने लगा था। वह पहले भी बकरी और सूअर की बलि दे चुका था, लेकिन इस बार नरबलि की योजना बनाई। उसने अपने मामा जय प्रकाश से सलाह ली, जिसने नरबलि की बात कही। इसके बाद इंद्रजीत ने अपने साढ़ू शंकर गौड़ से एक बच्चे की व्यवस्था करने के लिए कहा। शंकर ने 50 हजार रुपये में सौदा तय किया और अपने ही साले के बेटे यानी आरुष को बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया और फिर उसे इंद्रजीत को सौंप दिया।
19 अप्रैल की रात इंद्रजीत, उसका मामा जय प्रकाश और मौसी का बेटा भीम एक बगीचे में तंत्र-मंत्र के लिए पहुंचे। वहां जय प्रकाश और भीम ने बच्चे के हाथ-पैर पकड़े और इंद्रजीत ने चाकू से उसका गला रेत दिया। शव को पहले बगीचे में दफनाया गया, लेकिन अगले दिन मैजिक वाहन में रखकर बरहज नदी में फेंक दिया गया।
इसके बाद इंद्रजीत ने ससुराल में लौटकर बच्चे को ढूंढ़ने का नाटक किया। लेकिन जब पुलिस ने शक के आधार पर उसके मामा को हिरासत में लिया, तो सारा राज खुल गया। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी विक्रांत वीर ने जानकारी दी कि जांच में इस्तेमाल हथियार और वाहन भी बरामद किए जा चुके हैं। यह पूरा मामला अंधविश्वास की अंधी गली में जा चुके रिश्तों की क्रूरता को दर्शाता है, जिसने एक मासूम की जान ले ली।