वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश होगा केंद्रीय बजट 2024-25: अपेक्षाएं ऊंची, विस्तारित होगी सरकारी योजनाएं

punjabkesari.in Tuesday, Jul 23, 2024 - 10:41 AM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में बजट की महत्वपूर्ण भूमिका है। बजट एक ऐसा नियंत्रण प्रणाली है जिसमें सरकार द्वारा आय और व्यय की योजना बनाई जाती है। इसके माध्यम से आर्थिक समस्याओं का समाधान किया जाता है और राष्ट्रीय विकास को गति प्राप्त करने में सहायक होता है। नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार के नेतृत्व वाली NDA सरकार का बजट आज सुबह 11 बजे संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया जाएगा। हालांकि ये बजट कितना खास होगा, इस बात से बस कुछ ही देर बाद पर्दा उठने लगेगा। इस बार की बजट को लेकर विशेष उत्साह और अपेक्षाएं हैं क्योंकि इसमें समग्र विकास को तेजी से गति देने के साथ-साथ आम जनता के लिए भी अनेक योजनाओं का विस्तार किया जाना अपेक्षित है।

बजट 2024-25 की मुख्य बातें
इस बार के बजट में आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की उम्मीद है। सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ विभिन्न सेक्टरों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी कार्रवाई की जाएगी। विशेष रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा, और कृषि सेक्टर पर बजट का फोकस होने की संभावना है।

बजट के इतिहास से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
यहां यह भी बताया जा रहा है कि 1991 में पेश हुए बजट को 'युगांतकारी बजट' कहा जाता है, जिसने देश की इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस बजट में विदेशी निवेशकों के लिए दरवाजे खोले जाने के साथ ही विदेशी निवेश की नीतियों में बदलाव किए गए थे, जिससे देश के आर्थिक संकेत में सकारात्मक बदलाव आया था।

निर्मला सीतारमण का दृष्टिकोण
निर्मला सीतारमण, जिन्हें बजट पेश करने का जिम्मा मिला है, इस बार के बजट को लेकर उत्सुक हैं। उन्हें बजट प्रस्तावों को समझाते हुए विभिन्न समस्याओं का समाधान करने का मौका मिलेगा। सीतारमण ने पूर्व सरकारों में वित्त मंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और उनकी इस बार की बजट प्रस्तुति से देश की आर्थिक प्रगति में नई दिशा मिल सकती है। इस प्रकार, आज संसद में होने वाले बजट के साथ देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और विकास के मार्ग को साफ़ करने के लिए नई योजनाओं का एक अवसर मिलेगा। यह बजट न केवल आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करेगा बल्कि विभिन्न सेक्टरों में निवेश के माध्यम से राष्ट्रीय विकास को भी गति प्रदान करेगा।

अब बात करते है कि देश के पहला बजट कब और किसने प्रस्तुत किया था?
भारत का पहला बजट ब्रिटिश साम्राज्य के अंतर्गत 1860-61 के वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तुत किया गया था। इसे ब्रिटिश भारत सरकार ने प्रस्तुत किया था। इस बजट का मुख्य उद्देश्य भारतीय सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को समझना और उन्हें सुधारना था। अब अगर बात करें स्वतंत्र भारत की तो पहला केंद्रीय बजट 26 नवंबर 1947 को आर. के. शानमुखम चेट्टी द्वारा प्रस्तुत किया गया था। कुल राजस्व ₹171.15 करोड़ था, और राजकोषीय घाटा ₹24.59 करोड़ था। कुल व्यय ₹197.29 करोड़ और रक्षा व्यय ₹92.74 करोड़ अनुमानित था।

बजट की महत्वपूर्ण विशेषताएं
बजट में सरकार के आर्थिक योजनाओं की प्राथमिकता, आर्थिक विकास की राह, टैक्स संरचना, और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न सेक्टरों में निवेश की योजना शामिल होती है। यह राष्ट्रीय आर्थिक नीति के रूप में भी जाना जाता है जो देश के संभावित विकास की मार्गदर्शिका प्रदान करता है।

क्या है बजट की प्रक्रिया ? 
बजट प्रस्तुति और अधिनियमन दो भेदों में होता है। प्रस्तुति में सरकार विभिन्न वित्तीय योजनाओं को संचालित करने के लिए अपनी योजनाओं का विवरण प्रस्तुत करती है। इसके बाद संसद में बजट पर चर्चा होती है और उसके बाद अधिनियमन होता है, जिसमें बजट के आयोजन और नियमों को मंजूरी दी जाती है।

आधुनिक बजट व्यवस्था
आजकल के आधुनिक दौर में भारत का बजट प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए फरवरी महीने में प्रस्तुत किया जाता है। इसमें विभिन्न विभागों और सेक्टरों के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है और आगामी वित्तीय वर्ष के लिए योजनाएँ और निर्णय लिए जाते हैं। इस प्रकार, भारतीय बजट की इतिहास, महत्व, और प्रक्रिया का विवरण देखते हुए यह स्पष्ट है कि बजट देश की आर्थिक प्रगति में एक महत्वपूर्ण और निरंतर भूमिका निभाता आ रहा है।


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Content Editor

Mahima

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