कनाडा में UKPNP ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर जताई चिंता
punjabkesari.in Thursday, Dec 07, 2023 - 01:24 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क. कश्मीरी राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने हाल ही में कनाडा के कैलगरी में आयोजित एक सेमिनार में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मानवाधिकार उल्लंघन पर चिंता जताई है। यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) उत्तरी अमेरिका द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अवामी एक्शन कमेटी के समर्थन में पीओके और दुनिया के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की घोषणा की।
इस समारोह में यूकेपीएनपी के कनाडा के अध्यक्ष सरदार रियाज़ खान और अल्बर्टा के राष्ट्रपति सरदार नियाज़ अहमद सहित प्रमुख नेता शामिल थे। उन्होंने पार्टी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और प्राप्त समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। संगठन के उत्तरी अमेरिका के महासचिव सरदार ताहिर अजीज ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने आने वाली चुनौतियों को संबोधित करते हुए पार्टी के घोषणापत्र, नियमों और विनियमों की रूपरेखा तैयार की।
एडवोकेट सरदार रशीद यूसुफ ने पीओके में मौलिक अधिकारों के लिए चल रहे आंदोलन के प्रति यूकेपीएनपी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने अवामी एक्शन कमेटी के समर्थन में कनाडा में आगामी बड़े प्रदर्शन की घोषणा की और उनकी मांगों को पूरा करने पर जोर दिया। यूकेपीएनपी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुहम्मद सिद्दीकी और बैठक में उपस्थित अन्य नेताओं ने इस उद्देश्य के प्रति अपना समर्पण दोहराया। धमकियों और उत्पीड़न पर चिंताओं को संबोधित करते हुए यूकेपीएनपी ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की कार्रवाइयां उनके शांतिपूर्ण संघर्ष को नहीं रोकेंगी।
बता दें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान के लोग पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए जाने के बाद से सात दशकों से अधिक समय से पीड़ित हैं। क्षेत्र में पाकिस्तान के मानवाधिकारों को उजागर करने वाले राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है और उनमें से कई को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है। यह क्षेत्र अत्यधिक सुरक्षा और आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहा है क्योंकि युवाओं के लिए रोजगार के लगभग कोई अवसर नहीं हैं। निर्वासित नेता सरदार शौकत अली कश्मीरी की अध्यक्षता वाली यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी जैसे कई राजनीतिक संगठन पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के लोगों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं।