दो दोस्तों ने बिना फ्लाइट के की 27 देशों की यात्रा , जानिए उनके अद्भुत कारनामे की कहानी
punjabkesari.in Thursday, Sep 12, 2024 - 11:32 AM (IST)
नेशनल डेस्क: दो दोस्तों ने पर्यावरण की रक्षा का अनोखा संकल्प लिया और बिना किसी फ्लाइट के दुनिया के 27 देशों की यात्रा पूरी की। इटली के टोमासो फारिनम और स्पेन के एड्रियन लाफुएंटे ने यह साहसिक यात्रा पूरी करने के लिए बोट और इको-फ्रेंडली साधनों का इस्तेमाल किया, जिससे उन्होंने अपनी 15 महीनों की यात्रा में समुद्री और स्थल मार्गों का चयन किया।
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना विश्व भ्रमण
फारिनम और लाफुएंटे की यात्रा का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाए बिना विश्व भ्रमण करना था। इसके लिए उन्होंने किसी भी प्रकार की उड़ान का उपयोग नहीं किया। उन्होंने बोट और अन्य पर्यावरण मित्र साधनों को चुना और यात्रा के दौरान लगभग 6 लाख 46 हजार रुपये प्रति व्यक्ति खर्च किए।
समुद्री यात्रा के अनुभव
इनकी यात्रा के दौरान सबसे बड़ी चुनौती अटलांटिक महासागर को पार करना था। पनामा की खाड़ी में पहले 10 दिन काफी कठिन थे, जब उन्हें तेज हवाओं, तूफानों और विशाल लहरों का सामना करना पड़ा। फारिनम ने कहा, "शुरुआत में यह बहुत डरावना था, ऐसा लग रहा था जैसे हम डूब सकते हैं।" हालांकि इन चुनौतियों के बावजूद, दोनों दोस्तों ने अपने उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता बनाए रखी और प्रशांत महासागर पार करने की यात्रा जारी रखी। उन्होंने विभिन्न द्वीपों पर रुकते हुए, ऑस्ट्रेलिया तक पहुंचने की उम्मीद बनाई।
सेलिंग बोट का अनुभव
जब दोनों ने अपने परिवार और दोस्तों को बताया कि वे बिना अनुभव के सेलिंग बोट से अटलांटिक पार करेंगे, तो परिवार ने काफी चिंता जताई। लेकिन, उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें उनकी यात्रा पूरी करने में मदद की। उन्होंने मीडिया को बताया कि वे एक मोनोहॉल बोट पर प्रशांत महासागर पार कर रहे हैं।
यात्रा का साझा अनुभव
इस अद्भुत यात्रा को फारिनम और लाफुएंटे ने सोशल मीडिया पर अपने प्रोजेक्ट 'प्रोजेक्ट कुन' के तहत शेयर किया। उनकी यात्रा ने यह साबित किया कि पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ दुनिया की सैर भी की जा सकती है। दोस्तों की यह यात्रा न केवल उनके साहस का प्रतीक है बल्कि पर्यावरणीय जागरूकता का भी एक प्रेरणादायक उदाहरण है। इस अद्वितीय यात्रा ने उन्हें दुनिया के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति और जीवनशैली को करीब से देखने का अवसर प्रदान किया, साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी उजागर किया।