दूसरी बार राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही ट्रंप दागेंगे ये "नया ब्रह्मास्त्र", दुनिया में मची खलबली
punjabkesari.in Monday, Jan 20, 2025 - 04:06 PM (IST)
Washington: डोनाल्ड ट्रंप आज अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा, और उनके समर्थक इसे 'नई शुरुआत' के रूप में देख रहे हैं। ट्रंप ने पिछले साल नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराकर यह जीत दर्ज की थी। डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और अन्य पारिवारिक सदस्य इस ऐतिहासिक दिन को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा कर इस पल को खास बताया है। ट्रंप की शपथ ग्रहण से न केवल अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया की राजनीति में नए बदलाव की शुरुआत हो सकती है। उनकी वापसी पर नजरें गड़ाए कई देश यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि ट्रंप के कदम वैश्विक संतुलन को किस दिशा में ले जाएंगे।
प्रमुख हस्तियां होंगी शामिल
शपथ ग्रहण समारोह में कई प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन, बिल क्लिंटन, जॉर्ज बुश और बराक ओबामा जैसे नेताओं की उपस्थिति इस आयोजन को खास बनाएगी। हालांकि, मिशेल ओबामा समारोह में नहीं आएंगी। शपथ ग्रहण से पहले ट्रंप ने एक निजी रिसेप्शन आयोजित किया, जिसमें भारत के मुकेश अंबानी और नीता अंबानी ने अपनी उपस्थिति से चार चांद लगाए। यह इस बात का संकेत है कि ट्रंप की वापसी न केवल अमेरिका, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गहरी छाप छोड़ेगी।
ट्रंप का ' नया ब्रह्मास्त्र'
ट्रंप के हाथों में दूसरी बार अमेरिका की सुपर पावर आने के बाद ग्लोबल ऑर्डर बदल जाएंगे। इसे लेकर दुनिया के कई देशों में खलबली मची हुई है। ट्रंप ने 100 एक्जीक्यूटिव ऑर्डर और बाइडेन प्रशासन के कई फैसलों को पलटने की बात कहकर हलचल बढ़ा दी है। ये हलचल सिर्फ अमेरिका में ही नहीं, दुनियाभर के देशों में देखने को मिल रही है। राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही ट्रंप जो 'ब्रह्मास्त्र' छोड़ेंगे, उससे पूरी दुनिया प्रभावित होगी ।ट्रंप ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति पद संभालते ही वह 100 से अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे। इनमें से कई आदेश बाइडेन प्रशासन की नीतियों को पलटने वाले होंगे। माना जा रहा है कि उनका यह कदम अमेरिकी नीतियों में बड़ा बदलाव लाएगा और वैश्विक राजनीति को प्रभावित करेगा।
ट्रंप का 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडा और भारत पर असर
शपथ ग्रहण के इस ऐतिहासिक मौके पर दुनियाभर की मीडिया की नजरें वॉशिंगटन पर टिकी हुई हैं। यह आयोजन सिर्फ एक राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि नई संभावनाओं का द्वार खोलने वाला क्षण साबित हो सकता है। राष्ट्रपति पद पर लौटते ही ट्रंप अपने 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे को और मजबूती से लागू करने की योजना बना रहे हैं। वह न केवल घरेलू नीतियों में बदलाव करेंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी कड़े फैसले लेने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की नीतियों का असर भारत समेत कई देशों पर पड़ेगा। व्यापार, रक्षा और कूटनीतिक संबंधों में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ट्रंप का ध्यान अमेरिका की अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता देने और चीन के प्रभाव को रोकने पर केंद्रित रहेगा।