H-1B वीजा पर ट्रंप का बड़ा फैसला, इन भारतीयों को वीजा शुल्क से मिल सकती है छूट; नहीं देनी पड़ेगी अब फीस

punjabkesari.in Tuesday, Sep 23, 2025 - 11:25 AM (IST)

नेशनल डेस्क : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा के शुल्क को बढ़ाकर सभी को चौंका दिया है। अब इस वीजा का नया चार्ज 1 लाख डॉलर तय किया गया है। हालांकि, इस फैसले के साथ ही यह भी चर्चा में है कि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को इस शुल्क से छूट दी जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसरार, ट्रंप ने 19 सितंबर को एक नए कानून पर साइन किए थे, जिसके बाद यह अहम खबर आई है।

कई बड़े अस्पताल H-1B वीजा पर निर्भर

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन डॉक्टरों को राहत देने पर विचार कर रहा है क्योंकि अमेरिका के कई बड़े अस्पताल और हेल्थ सिस्टम H-1B वीजा पर ही निर्भर हैं। मेयो क्लिनिक, क्लीवलैंड क्लिनिक और सेंट जूड हॉस्पिटल जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों H-1B वीजा पर पूरी तहर से निर्भर है। बताया जा रहा है कि मेयो क्लिनिक के पास ही 300 से ज्यादा H-1B वीजा स्वीकृत हैं। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि भारतीय डॉक्टरों और मेडिकल प्रोफेशनल्स को वीजा शुल्क में छूट दी जा सकती है।

भारत के आईटी सेक्टर में चिंता का माहौल

इस फैसले के बाद भारत के आईटी सेक्टर में भी चिंता का माहौल है। भारत H-1B वीजा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाला देश है और खासकर आईटी इंडस्ट्री तथा स्वास्थ्य क्षेत्र दोनों ही इस पर काफी हद तक निर्भर हैं। अचानक शुल्क बढ़ने से कंपनियों और प्रोफेशनल्स में असमंजस बढ़ गया है। वहीं, अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर इस वीजा पर इतनी बड़ी फीस वसूली गई तो अमेरिका में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की भारी कमी हो सकती है। कई अमेरिकी हेल्थ सिस्टम और मेडिकल रेजिडेंट्स की भर्ती पूरी तरह H-1B वीजा पर टिकी हुई है। इस बीच व्हाइट हाउस के प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने भी कहा है कि नया कानून छूट की अनुमति देता है और इसमें डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को शामिल किया जा सकता है।

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ट्रंप प्रशासन ने क्या कहा

ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह शुल्क सिर्फ एक बार लिया जाएगा और इसे सालाना शुल्क न समझा जाए। यह नियम 21 सितंबर या उसके बाद दाखिल किए गए नए आवेदनों पर लागू होगा। गौरतलब है कि हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद ने भी दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा किया था और अब वीजा का मुद्दा भी उसी कड़ी में जुड़ गया है। हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसका समाधान निकल सकता है क्योंकि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की है और दोनों देशों के बीच इन मसलों पर बातचीत जारी है।

 


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Content Editor

Mehak

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