sparrow day:भावनात्मक जुड़ाव की कमी से गोरैया हो रही लुप्त, नहीं चेते तो रह जाएगी ''गूगल गौरैया''

punjabkesari.in Monday, Mar 20, 2017 - 11:29 AM (IST)

नई दिल्ली: पर्यावरणविद मोहम्मद दिलावर ने कहा है कि वर्ष 2012 में दिल्ली का राजकीय पक्षी घोषित गोरैया भावनात्मक जुड़ाव की कमी से लुप्त होने के कगार पर है। दिलावर ने 2010 में 20 मार्च को विश्व गोरैया दिवस मनाने की परंपरा शुरू की थी। उन्होंने कहा कि अंधाधुंध शहरीकरण से पक्षियों का प्राकृतिक वास खत्म होता जा रहा है। गोरैया का संरक्षण करने वाले गैर लाभकारी संगठन नेचर फॉरइवर सोसाइटी फोर इंडिया (एनएफएसआई) के संस्थापक दिलावर ने कहा, ‘‘वर्तमान पीढ़ी तकनीक से इतनी घिरी हुई है कि वे प्रकृति को भूल गई है। भावनात्मक जुड़ाव की कमी से यह चिडिय़ां लुप्त होने के कगार पर है।’’

एनएफएसआई द्वारा शुरू विश्व गोरैया दिवस अब 50 देशों में हर साल मनाया जाता है। पर्यावरणविद ने गोरैया की घटती संख्या के लिए डब्बाबंद आहार के बढ़ते इस्तेमाल, खेती में कीटनाशकों का इस्तेमाल और बदलती जीवनशैली के कारण पक्षियों के लिए खाने की अनुपलब्धता को भी वजह बताई। दिलावर ने कहा, ‘‘पहले महिलाएं अपने घरों के बाहर अनाज साफ करती थी और गोरैया को उससे अपना खाना मिल जाता। खेती में कीटनाशकों के इस्तेमाल से भी कीड़े और अनाज के रूप में गोरैया का भोजन खत्म हो गया।’’


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