कृपया कुत्तों को हटाया जाए...पैरा एथलेटिक्स के दौरान 30 मिनट में तीन लोगों पर कुत्तों का हमला — विदेशी कोच को भी नोंचा!
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 09:52 AM (IST)

नेशनल डेस्क: नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (WPAC) में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब वार्मअप सेशन के दौरान आवारा कुत्तों ने दो विदेशी कोच और एक सिक्योरिटी गार्ड पर हमला कर दिया। यह घटना 3 अक्टूबर की सुबह हुई और 30 मिनट के भीतर तीन अलग-अलग जगहों पर यह हमले हुए। इससे न केवल खिलाड़ियों और कोचों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए, बल्कि आयोजन व्यवस्था पर भी गहरी चिंता जताई जा रही है।
कहां और कैसे हुआ हमला?
सुबह करीब 9:18 बजे जापान की फेंसिंग कोच मेइको ओकुमात्सु अपनी टीम के खिलाड़ियों के वार्मअप पर नजर रख रही थीं। तभी एक आवारा कुत्ता अचानक आकर उनके बाएं पैर की पिंडली पर काट गया। चोट इतनी गंभीर थी कि उन्हें मौके पर ही प्राथमिक चिकित्सा दी गई और फिर सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। वहां उन्हें एंटी-रेबीज वैक्सीन, टिटनेस और इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन दिया गया। घाव गहरे थे, जिन पर टांके लगाने पड़े। सिर्फ 24 मिनट बाद, सुबह 9:42 बजे, केन्या के स्प्रिंट्स कोच डेनिस मारागिया म्वांजो पर हमला हुआ। वे अपने एथलीट की 200 मीटर की रेस से पहले वार्मअप करवा रहे थे। इस दौरान एक कुत्ते ने उनके दाहिने पैर को काट लिया। उन्हें भी अस्पताल में रेबीज प्रोटोकॉल के तहत उपचार मिला। इसी दौरान एक सुरक्षा गार्ड पर भी हमला हुआ। इन घटनाओं ने WPAC में हिस्सा ले रहे प्रतिभागियों और विदेशी मेहमानों के बीच भय का माहौल बना दिया।
पहले से जारी थी चेतावनी, फिर भी लापरवाही
आयोजन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का मामला सामने आया हो। बताया गया कि यह चैंपियनशिप के दौरान पांचवां हमला था। इससे पहले भी गार्ड, वॉलंटियर और स्टेडियम स्टाफ कुत्तों के हमलों का शिकार हो चुके हैं, लेकिन आयोजकों ने उन्हें नजरअंदाज किया। एक आयोजन ग्रुप चैट में तो यहां तक लिखा गया: “30 मिनट में तीन डॉग बाइट – जापान, केन्या और सिक्योरिटी गार्ड! कृपया कुत्तों को हटाया जाए, अब स्थिति गंभीर है।”
आयोजकों की सफाई, लेकिन सवाल कायम
चैंपियनशिप समिति ने इस घटनाक्रम पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि समस्या की जड़ वे लोग हैं जो स्टेडियम परिसर के पास नियमित रूप से कुत्तों को खाना खिलाते हैं। उन्होंने बताया कि 21 अगस्त 2025 को ही दिल्ली नगर निगम (MCD) को पत्र लिखकर कुत्तों को हटाने की मांग की गई थी। चैंपियनशिप से पहले परिसर को सैनिटाइज और खाली भी करवाया गया था, लेकिन इंसानी लापरवाही से कुत्ते दोबारा लौट आए। अब सुरक्षा को मजबूत करने के लिए स्टेडियम और उसके आसपास के क्षेत्रों में फिर से सफाई और पेट कंट्रोल अभियान चलाया गया है।
देशभर में विकराल बनती समस्या
यह घटना सिर्फ एक आयोजन स्थल की लापरवाही नहीं, बल्कि भारत में बढ़ते आवारा कुत्तों के संकट की बड़ी तस्वीर है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 में देशभर में 37.17 लाख डॉग बाइट केस दर्ज हुए — यानी औसतन हर दिन 10,000 से ज्यादा मामले। वहीं, WHO की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत में रेबीज से 305 मौतें दर्ज की गईं। यह बताता है कि यह केवल जानवरों की देखभाल या पशु प्रेम का मामला नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा का गंभीर सवाल है।