हर व्यक्ति के टीकाकरण पर केंद्र की दो टूक- जिन्हें ज्यादा खतरा, उनका टीकाकरण पहले
punjabkesari.in Tuesday, Apr 06, 2021 - 06:58 PM (IST)
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने देश में 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को कोरोना टीका लगाने के सुझाव को खारिज कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने स्प्ष्ट किया कि देश में सभी लोगों के कोरोना टीका लगाने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि कई लोग पूछते हैं कि सरकार सभी के लिए टीकाकरण की शुरुआत क्यों नहीं कर रहे हैं। वैक्सीनेशन अभियान के दो लक्ष्य होते हैं। पहला बीमारी से मौतों को रोकना दूसरा स्वास्थ्य व्यवस्था को बचाए रखना।
Many people ask why shouldn't we open vaccination for all. There are two aims of such vaccination drives -- to prevent deaths & protect healthcare system. The aim is not to administer the vaccine to those who want it but to those who need it: Union Health Secy Rajesh Bhushan pic.twitter.com/FCqiW93qsG
— ANI (@ANI) April 6, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि वैक्सीन देने का मकसद यह नहीं है कि जिसकी इच्छा है, उसे पहले दिया जाए बल्कि पहले टीका उन्हें लगाया जाए जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है। राजेश भूषण ने बताया कि देश के 10 जिलों में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा सक्रिय मामले हैं। इनमें से सात जिले महाराष्ट्र के, एक कर्नाटक का, एक छत्तीसगढ़ का और एक दिल्ली का है। उन्होंने कहा कि देश में कुल कोविड मामलों में से 92 फीसदी मरीज ठीक हो चुके हैं। 1.3 फीसदी मरीजों की मौत हुई है और लगभग छह फीसदी नए कोविड मामले हैं।
आरटी-पीसीआर परीक्षणों को बढ़ाने का निर्देश
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि हमने राज्य सरकारों को आरटी-पीसीआर परीक्षणों को बढ़ाने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि बीते कुछ हफ्तों में महाराष्ट्र में टेस्ट कम हो रहा है। कुल परीक्षणों का केवल 60 प्रतिशत पिछले सप्ताह महाराष्ट्र में आरटी-पीसीआर टेस्ट किए गए। हमने सभी राज्यों को इसे 70 प्रतिशत या उससे ऊपर ले जाने का सुझाव दिया है।
पंजाब और छत्तीसगढ़ में मौत की संख्या सबसे ज्यादा
सचिव राजेश भूषण ने कहा कि पंजाब और छत्तीसगढ़ में मौत की संख्या सबसे ज्यादा चिंता का कारण है। देश के सभी सक्रिय मामलों में से 58 प्रतिशत सक्रिय मामले महाराष्ट्र में हैं। देश में हुए कुल मौत में से 34 प्रतिशत महाराष्ट्र में हुई हैं। देश में कुल मौत में से 4 प्रतिशत एक ही राज्य महाराष्ट्र से है। महाराष्ट्र से लगभग 58 प्रतिशत केस आ रहें है। महाराष्ट्र में आरटीपीआर टेस्ट का अनुपात से 72 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक गिर चुका है।