अस्पताल में हुई बड़ी लापरवाही... सर्जरी के दौरान महिला के पेट में छूट गई ये चीज, चार महीने बाद सीटी स्कैन में खुला राज
punjabkesari.in Wednesday, Sep 11, 2024 - 09:26 AM (IST)
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के लातूर जिले के सरकारी अस्पताल में एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां एक महिला के सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान ब्लड क्लीन करने वाला कपड़ा उसके पेट में ही रह गया। यह मामला तब उजागर हुआ जब महिला को पेट दर्द की शिकायत हुई और उसने चार महीने बाद सीटी स्कैन कराया।
कपड़ा महिला के पेट में ही छूट गया
औसा शहर के सरकारी अस्पताल में यह घटना 13 अप्रैल 2024 को हुई थी। महिला ने प्रसव पीड़ा के कारण अस्पताल में भर्ती होने के बाद सिजेरियन ऑपरेशन करवाया था। ऑपरेशन के दौरान अस्पताल के डॉक्टर और नर्स की टीम ने ब्लड क्लीन करने के लिए एक कपड़ा इस्तेमाल किया। हालांकि, ऑपरेशन के बाद यह कपड़ा महिला के पेट में ही छूट गया, जिसके बारे में किसी को पता नहीं चला।
महिला को डिस्चार्ज कर दिया गया
महिला को 2 मई 2024 को पेट दर्द की शिकायत होने पर औसा सिविल अस्पताल में दोबारा लाया गया। अस्पताल ने पाया कि सिजेरियन ऑपरेशन के बाद के स्टीचेस ठीक से सूखे नहीं थे, और उसे लातूर के सरकारी अस्पताल में भेज दिया गया। यहां 20 दिनों तक इलाज के बाद महिला को डिस्चार्ज कर दिया गया। लेकिन, पेट दर्द की समस्या जारी रहने के कारण महिला ने उमरगा के एक निजी अस्पताल में सीटी स्कैन कराया। इस सीटी स्कैन में पता चला कि सर्जरी के दौरान छूट गया कपड़ा उसके पेट में ही रह गया था।
अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया गया है
महिला के पति ने इस मामले की शिकायत औसा सिविल अस्पताल की इंचार्ज संगीता पाटिल से की। शिकायत के बाद, अस्पताल ने एक जांच समिति गठित की। जांच रिपोर्ट के आधार पर ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर और नर्स को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया गया है। महिला के पति ने इस कार्रवाई के खिलाफ शिकायत की है और मांग की है कि डॉक्टर और नर्स को स्थायी रूप से सस्पेंड किया जाए ताकि भविष्य में किसी अन्य महिला के साथ ऐसा न हो।
सख्त कार्रवाई की मांग
महिला के पति ने कहा कि उनके पास एक्स-रे और अन्य दस्तावेज हैं जो यह साबित करते हैं कि ऑपरेशन के दौरान कपड़ा पेट में छूट गया था। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि इस तरह की लापरवाहियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। इस घटना ने न केवल अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर किया है। यह घटना दर्शाती है कि चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान सतर्कता और सावधानी कितनी महत्वपूर्ण होती है।