पुलवामा हमला: 61000 Km यात्रा कर 40 शहीदों के परिवारों से मिला ये शख्स, इकट्टी की श्मशान घाटों से मिट्ठी
punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2020 - 02:45 PM (IST)
श्रीनगर: पिछले साल आज के ही दिन पुलवामा में हुए आतंकी हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। आज श्रीनगर में सीआरपीएफ के लेथपोरा कैंप स्थित स्मारक पर शहीद होने वाले 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। महाराष्ट्र के उमेश गोपीनाथ जाधव इस समारोह में विशेष मुख्य अथिथि बने। बता दें कि जाधव ने इस हमले में जान गंवाने वाले 40 जवानों के परिवारों से मिलने के लिए करीब 61000 Km यात्रा की। इस दौरान उमेश गोपीनाथ शहीद हुए जवानों के श्मशान घाटों और उनके याद में बनाए गए स्मारक के पास से मिट्ठी को इक्ट्ठा कर यहां लेकर आए हैं।
Umesh Gopinath Jadhav: I'm proud that I met all the families of Pulwama martyrs, and sought their blessings. Parents lost their son, wives lost their husbands, children lost their fathers, friends lost their friends. I collected soil from their houses & their cremation grounds." https://t.co/b7A0ubGuyu pic.twitter.com/1DR0fLWxtc
— ANI (@ANI) February 14, 2020
गोपीनाथ ने कहा मुझे गर्व है कि मैंने पुलवामा शहीदों के सभी परिवारों से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद मांगा। माता-पिता ने अपने बेटे को खो दिया, पत्नियों ने अपने पति को खो दिया, बच्चों ने अपने पिता को खो दिया, दोस्तों ने अपने दोस्तों को खो दिया। मैंने उनके घरों और उनके श्मशान घाटों से मिट्टी इकट्ठा की।
Jammu and Kashmir: The soil collected by Maharashtra's Umesh Gopinath Jadhav from the houses and cremation grounds of the 40 CRPF jawans who lost their lives in 2019 #PulwamaAttack, being placed at the memorial at CRPF's Lethpora camp. https://t.co/jbr8PaCFci pic.twitter.com/G6C35yQhG2
— ANI (@ANI) February 14, 2020
दरअसल, पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 CRPF के जवानों की याद में बनाए गए स्मारक का आज लेथपुरा कैंप में आज उद्घाटन किया गया। CRPF ने ट्वीट लिया तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं। गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं। CRPF ने आगे लिखा कि हम अपने उन भाईयों को सलाम करते हैं जिन्होंने पुलवामा में देश की सेवा के दौरान अपने प्राणों का बलिदान दिया, हम अभी तक इसे भुला नहीं पाए हैं। हम अपने बहादुर शहीदों के परिवारों के साथ खड़े हैं।