Pahalgam Terror Attack: ये है पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद, जिस पर पाक सेना बरसाती है फूल
punjabkesari.in Wednesday, Apr 23, 2025 - 07:04 AM (IST)

नेशनल डेस्कः 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर की सुरम्य बैसरन घाटी, जो पर्यटकों के लिए शांतिपूर्ण विश्राम स्थल मानी जाती है, खून से रंग दी गई। पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जबकि 20 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस भयावह हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है, जिसने पहले भी कई आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया है।
सैफुल्लाह खालिद: आतंकी नेटवर्क का खतरनाक मास्टरमाइंड
इस हमले की साजिश के पीछे है सैफुल्लाह खालिद, जिसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है। वह लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ और आतंकी संगठन के संस्थापक हाफिज सईद का बेहद करीबी माना जाता है। भारत में कई बड़े आतंकी हमलों में इसका नाम आता रहा है। ये हमेशा लग्जरी कारों से चलता है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, सैफुल्लाह इस वक्त जम्मू-कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकी गतिविधियों का संचालन कर रहा है। उसकी सुरक्षा में हथियारों से लैस प्रशिक्षित आतंकी चलते हैं और पाकिस्तान में वह सेना के संरक्षण और आईएसआई के समर्थन से खुलेआम घूमता है। पाकिस्तान नें इसका रसूख इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां कि सेना के अफसर भी इसके उपर फूलों की बारिश करते हैं. ये पाकिस्तानी सेना के जवानों को भड़काने का काम करता है।
सूत्र बताते हैं कि फरवरी 2025 में वह पाकिस्तान के कंगनपुर में देखा गया था, जहां एक कार्यक्रम में उसे पाकिस्तानी सेना के कर्नल जाहिद जरीन खटक ने आमंत्रित किया था। इस मंच से सैफुल्लाह ने भारत विरोधी जहर उगला और आतंक फैलाने की खुलेआम धमकी दी।
कश्मीर को 'आजाद' करने की धमकी: खैबर पख्तूनख्वा की सभा में ऐलान
खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी सेना और ISI की सहमति से आयोजित सभा में सैफुल्लाह खालिद ने कहा: "आज 2 फरवरी 2025 है, और मैं वादा करता हूं कि 2 फरवरी 2026 तक हम कश्मीर पर कब्जा करने की पूरी कोशिश करेंगे। आने वाले महीनों में हमारे मुजाहिदीन हमले तेज कर देंगे।"
इस सभा में भारी संख्या में हथियारबंद आतंकी और पाक सेना के अधिकारी मौजूद थे, जिससे इस पूरी साजिश में पाकिस्तान की गहरी संलिप्तता स्पष्ट होती है।
एबटाबाद कैंप में भारत के खिलाफ भड़काया गया
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, 2024 में एबटाबाद के जंगलों में आयोजित आतंकी प्रशिक्षण कैंप में सैफुल्लाह ने युवाओं को टारगेट किलिंग, आत्मघाती हमलों और घुसपैठ की रणनीति सिखाई। इस कैंप का आयोजन लश्कर के पॉलिटिकल विंग PMML और SML ने किया था। पाकिस्तान की सेना और ISI की मदद से इन आतंकियों को सीमा पार घुसपैठ कराने की योजना बनाई गई थी।
टीआरएफ: लश्कर का छद्म चेहरा
द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद ISI द्वारा खड़ा किया गया, ताकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर लश्कर-ए-तैयबा के नाम से बचते हुए आतंकवादी गतिविधियां जारी रखी जा सकें। भारत के गृह मंत्रालय ने भी TRF को लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन करार दिया है, जो लश्कर के फंडिंग चैनल्स, हथियारों और ट्रेनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करता है।