‘‘ये लोग सत्ता से अलग नहीं रह सकते'''', सुरेश पचौरी के दलबदल पर बोले दिग्विजय सिंह

punjabkesari.in Saturday, Mar 09, 2024 - 10:11 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के उनके समर्थकों समेत कांग्रेस छोड़कर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने पर निशाना साधते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कहा कि इस दलबदल की असल वजह यह है कि ये नेता सत्ता से अलग नहीं रह सकते। पचौरी ने दल बदलने के बाद कहा कि कांग्रेस जनता से विमुख हो रही है। 

पलटवार करते हुए सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘‘मैं तो उनसे (पचौरी) पूछना चाहता हूं कि वह पिछली बार जनता के बीच कब गए थे और उन्होंने जनता की आवाज कब सुनी थी? यह सब बहानेबाजी है। (दलबदल की) सच्चाई यह है कि ये लोग सत्ता से अलग नहीं रह सकते।'' 

राज्यसभा सदस्य सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और सीबीआई का "डर" दिखाए जाने से भी अन्य दलों के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। सिंह ने देश में 1975 के दौरान लगाए गए आपातकाल की समाप्ति के बाद 1977 के आम चुनाव में इंदिरा गांधी नीत कांग्रेस की करारी हार एवं आगामी वर्षों में पार्टी के सत्ता में लौटने की ओर इशारा भी किया। 

उन्होंने कहा,‘‘1977 में भी लोग कहते थे कि कांग्रेस समाप्त हो जाएगी। इसके बाद भी मैंने और अन्य कांग्रेस नेताओं ने चुनाव लड़ा और हम लोग जीतकर आए।'' सिंह ने कहा कि आज भी कांग्रेस की जन-जन में पकड़ है। उन्होंने कहा,‘‘कांग्रेस के चंद नेता पार्टी छोड़कर जा सकते हैं, लेकिन पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता दूसरे दल में कभी नहीं जाएगा।'' 

आगामी लोकसभा चुनाव में स्वयं सिंह के बतौर कांग्रेस उम्मीदवार मैदान में उतरने की संभावना पर उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि वह पार्टी का हर आदेश मानेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में कांग्रेस के पास चेहरों की कोई कमी नहीं है। सिंह ने अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को हुई प्राण-प्रतिष्ठा पर एक बार फिर सवाल उठाते हुए कहा,‘‘अपूर्ण मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा किया जाना सनातन धर्म की परंपराओं के विपरीत है। अगर ऐसा होता है, तो ये विनाश के लक्षण हैं।'' 

मध्यप्रदेश के राज्य सचिवालय "वल्लभ भवन' में लगी आग को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा को घेरते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने आरोप लगाया कि अग्निकांड के जरिये ‘‘भ्रष्टाचार के प्रमाणों'' को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भोपाल के महत्वपूर्ण सरकारी भवनों में हर अग्निकांड के बाद राज्य सरकार रटी-रटाई बात दोहराती है कि इन घटनाओं की जांच की जा रही है, लेकिन ऐसी जांचों की रिपोर्ट कभी सामने नहीं आती। 


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Content Writer

Pardeep

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