दुनिया के 10 सबसे विनाशकारी भूकंप और उनकी तबाही, ये हैं अब तक के सबसे जानलेवा भूकंप, यहां देखें पूरी लिस्ट
punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 11:23 AM (IST)

नेशनल डेस्क। रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप में आज बुधवार तड़के दुनिया के सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 8.8 दर्ज की गई जिसके बाद उत्तरी प्रशांत क्षेत्र के कई देशों में सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया है। रूस के अलावा जापान, अमेरिका के अलास्का, हवाई, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया समेत कई देश भी इसके असर को लेकर अलर्ट हो गए हैं। इस भीषण भूकंप से होने वाले संभावित नुकसान को लेकर अभी कोई विस्तृत जानकारी नहीं है लेकिन 8 से अधिक की तीव्रता वाले भूकंप से होने वाली तबाही का अंदाज़ा लगाना ज़रूरी है।
भूकंप की तीव्रता और उसका असर: कितना खतरनाक हो सकता है भूकंप?
भूकंप अमूमन हर दिन आते हैं। दुनियाभर में एक दिन में औसतन 55 झटके लगते ही रहते हैं। रूस में पूर्वी तट पर आया यह भूकंप दुनिया का छठा सबसे भीषणतम भूकंप है। आइए जानते हैं कि रिक्टर स्केल पर किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक हो सकता है:
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0-1.9 तीव्रता: इसका एहसास सिर्फ सिस्मोग्राफ पर होता है, किसी को पता नहीं चलता।
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2-2.9 तीव्रता: हल्का कंपन महसूस होता है इंसान इसे महसूस कर सकता है।
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3-3.9 तीव्रता: ऐसा एहसास होता है जैसे करीब से कोई ट्रक गुज़रा हो।
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4-4.9 तीव्रता: खिड़कियां टूट सकती हैं दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
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5-5.9 तीव्रता: फर्नीचर जैसा भारी सामान हिल सकता है और जान-माल के खासे नुकसान की संभावना बन जाती है।
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6 से अधिक तीव्रता वाला भूकंप: विनाशकारी परिणाम?
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6-6.9 तीव्रता: यह भूकंप विनाशकारी साबित हो सकता है। बड़ी से बड़ी इमारतों की नींव दरक सकती है और ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
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7-7.9 तीव्रता: इस तीव्रता वाले भूकंप में इमारतें तक ढह जाती हैं जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं। यह भी बेहद विनाशकारी हो सकता है। पिछले साल फरवरी में तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी जिसमें 50,000 से अधिक लोग मारे गए और लाखों ज़ख्मी हुए थे। कई शहर पूरी तरह तबाह हो गए थे।
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8-8.9 तीव्रता: इस तीव्रता वाला भूकंप पूरे शहर को नुकसान पहुंचा सकता है। इमारतें और बड़े-बड़े पुल भी नहीं झेल पाते और ध्वस्त होकर गिर जाते हैं। साथ ही समुद्र में सुनामी आने का गंभीर खतरा बना रहता है।
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9 या उससे अधिक तीव्रता: यह सबसे ज़्यादा विनाशकारी भूकंप होता है। मैदान में खड़े शख्स को धरती लहराती हुई दिखाई देगी और बहुत बड़े सुनामी का खतरा रहेगा। इस तरह के भूकंप कभी-कभार ही आते हैं। अब तक दुनिया में सिर्फ 5 बार ही 9 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप आए हैं।
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दुनिया के कुछ सबसे भीषण भूकंप
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1960 (चिली): दुनिया का सबसे भीषण भूकंप, तीव्रता 9.5। इसे 'ग्रेट चिली अर्थक्वेक' के नाम से भी जाना जाता है। इसमें करीब 1655 लोग मारे गए और 20 लाख से अधिक बेघर हुए।
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1964 (अलास्का, अमेरिका): दूसरा सबसे भीषण भूकंप, तीव्रता 9.2। इसमें 130 लोग मारे गए और 2.3 बिलियन डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ।
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2004 (सुमात्रा, इंडोनेशिया): तीसरा सबसे भीषण भूकंप। इसका असर भारत के अंडमान निकोबार द्वीप तक दिखा। बड़े-बड़े सुनामी लहरें उठीं जिसने कई देशों को अपनी चपेट में लिया। 2.80 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई और दक्षिण एशिया व पूर्वी अफ्रीका में 11 लाख लोग बेघर हुए।
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2011 (तोहोकु, जापान): चौथा सबसे विनाशकारी भूकंप, तीव्रता 9.1। इससे पूरे क्षेत्र में सुनामी आ गई। 15,000 से अधिक लोग मारे गए और 1.30 लाख से अधिक लोगों को घर छोड़ना पड़ा।
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1952 (रूस): पांचवां सबसे बड़ा भूकंप, तीव्रता 9.0। दुनिया में यह पहली बार 9.0 की तीव्रता वाला भूकंप था। इस दौरान सुनामी आई और करोड़ों रुपये की संपत्ति बर्बाद हो गई।
कामचटका में दूसरी बार 8 से ऊपर का भूकंप
यह भूकंप रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आया। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.8 आंकी गई। भूकंप के बड़े झटकों की वजह से रूस में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है। भूकंप के झटके इतने खतरनाक थे कि घर के अंदर रखे सामान तेज़ी से हिलने लगे और आलमारी में रखे सामान व किताबें तक गिरने लगे।
रूस के पूर्वी तट पर 4 मीटर तक सुनामी आने का अलर्ट जारी किया गया है तो जापान में 3 मीटर तक सुनामी आने का अलर्ट जारी किया गया। अलर्ट को देखते हुए जापान ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को खाली करा दिया है और वहाँ काम करने वाले कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया गया है। रूस और जापान के अलावा अमेरिका, न्यूजीलैंड और इंडोनेशिया समेत कई देशों ने अपने यहाँ अलर्ट जारी किया है।