नई दिल्ली सीट पर होगा त्रिकोणीय मुकाबला, संदीप दीक्षित के बाद अब प्रवेश वर्मा ने ठोकी ताल

punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2024 - 12:21 AM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली की प्रतिष्ठित नई दिल्ली विधानसभा सीट पर इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। कांग्रेस ने अपनी तरफ से संदीप दीक्षित को उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि बीजेपी के पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा ने भी अपनी दावेदारी पेश कर दी है। बीजेपी ने उन्हें चुनावी तैयारियां शुरू करने को कहा है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी उन्हें इस सीट पर अपनी अहम रणनीति के तहत उतार सकती है।

प्रवेश वर्मा, जो दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं, अपनी मजबूत नेतृत्व शैली और बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। वर्मा ने अपनी दावेदारी पेश करने के साथ ही आम आदमी पार्टी और उसके नेता अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए इस चुनाव को लेकर कुछ तीखी बातें कहीं। 

प्रवेश वर्मा का केजरीवाल पर हमला
प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार का कुल बजट 76,000 करोड़ रुपये है, लेकिन नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में एक भी बड़ा विकास कार्य नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “केजरीवाल ने अपनी ही विधानसभा सीट पर 1,000 करोड़ रुपये भी खर्च नहीं किए। यह जनता का पैसा कहां जा रहा है?”

वर्मा ने दावा किया कि केजरीवाल की सरकार ने केवल वादे किए हैं, लेकिन काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बिजली, पानी, और स्वास्थ्य सेवाओं के दावों के बावजूद लोग बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं। वर्मा का कहना था कि यदि बीजेपी सत्ता में आती है, तो पारदर्शिता और विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। 

केजरीवाल की जमानत जब्त होने की धमकी 
प्रवेश वर्मा ने कहा कि लोग अब अरविंद केजरीवाल को “धोखा” देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के लोग इस बार केजरीवाल को “सबक सिखाने” के लिए तैयार हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि उनकी जमानत जब्त हो जाए। वर्मा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपने सरकारी बंगले के जीर्णोद्धार पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि दिल्ली की जनता को बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पाईं। 

अरविंद केजरीवाल के लिए अग्नि परीक्षा
अरविंद केजरीवाल के लिए यह चुनाव केवल एक राजनीतिक चुनौती नहीं है, बल्कि उनके कार्यकाल का भी समीक्षा होगा। यह सीट केजरीवाल की अपनी विधानसभा सीट है, और उन्होंने 2013, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की है। हालांकि, इस बार विपक्षी दलों का आरोप है कि नई दिल्ली में भी, जो मुख्यमंत्री की अपनी सीट है, बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। 

विकास की विफलता पर सवाल
प्रवेश वर्मा के तीखे हमलों के बाद, अरविंद केजरीवाल को अपनी विकास योजनाओं का ब्यौरा जनता के सामने रखना होगा। दिल्ली में बिजली, पानी, और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बड़ी घोषणाएं की गई थीं, लेकिन जब परिणाम की बात आती है, तो केजरीवाल सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। विशेष रूप से, नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की कमी के मुद्दे पर वर्मा ने आक्रामक हमला बोला। 

नई दिल्ली सीट का महत्व
नई दिल्ली विधानसभा सीट का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि यह अरविंद केजरीवाल की विधानसभा सीट है। इसके अलावा, इस सीट से दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल की राजनीतिक प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है। हालांकि, वर्मा के हमलों और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच, केजरीवाल के लिए यह चुनाव एक तरह से अग्नि परीक्षा साबित होने जा रहा है। 

बीजेपी और कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को इस सीट पर टिकट देकर अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है। दीक्षित एक समय कांग्रेस के लिए इस सीट पर प्रमुख चेहरा थे और उनका टिकट किसी तरह से पार्टी के पूर्व प्रभाव को वापस लाने की कोशिश माना जा रहा है। वहीं, बीजेपी ने प्रवेश वर्मा को इस सीट पर उतारकर केजरीवाल को सीधे चुनौती दी है। 

चुनाव की गर्मी बढ़ी 
इस बार की नई दिल्ली सीट पर मुकाबला बेहद रोचक होगा, क्योंकि यह न केवल केजरीवाल की राजनीतिक स्वीकार्यता का परीक्षण होगा, बल्कि विपक्षी दलों के लिए भी रणनीतिक महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इस सीट पर आने वाले चुनाव परिणाम दिल्ली की राजनीति के भविष्य का संकेत देंगे और आगामी चुनावों में बीजेपी और आप के बीच की कड़ी प्रतिस्पर्धा को दिखाएंगे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Pardeep

Related News