दिल्ली की 30% आबादी पर अभी भी कोरोना का खतरा, ना करें लापरवाही : विशेषज्ञ
punjabkesari.in Sunday, Jul 25, 2021 - 10:31 PM (IST)

नेशनल डेस्कः विशेषज्ञों का मानना है कि टीकाकरण और संक्रमित होने के बाद बड़ी संख्या में लोगों में कोरोना वायरस के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने के साथ ही कोविड की दूसरी लहर को रोकने के लिए लागू पाबंदियों में सुरक्षात्मक रवैया अपनाने की जरूरत है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में कोविड-19 आईसीयू का प्रबंधन देखने वाले डॉ युद्धवीर सिंह ने कहा कि जब संक्रमण के मामले कम हों तब आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए कुछ प्रतिबंधों में ढील देना आवश्यक है।
युद्धवीर सिंह ने कहा, 'लेकिन लोगों को बचाव के उपाय अपनाना बंद नहीं करना चाहिए. कोविड से बचाव के अनुरूप व्यवहार करते समय और प्रतिबंधों को लागू करने के दौरान सुरक्षात्मक रवैया अपनाना जरूरी है। संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में मामले सामने आए थे इसलिए ऐसा संभव है कि दिल्ली में सामुदायिक स्तर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई हो।
सर गंगा राम अस्पताल में कार्यरत डॉ पूजा खोसला ने कहा कि कोरोना वायरस जनित महामारी की दूसरी लहर से हमने यह सीखा है कि संक्रमण के मामले तेजी से कैसे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा, “दुनिया के कई हिस्सों से चेतावनी के संकेत मिल रहे हैं। भारत में भी संक्रमण के मामलों में कम वृद्धि देखने को मिली है। संक्रमण कभी भी तीव्र गति से बढ़ सकता है। मुझे लगता है कि किसी को कोई धारणा नहीं पालनी चाहिए और दूसरी लहर जैसा संकट न आए इसके लिए सभी प्रयास करना चाहिए। सब कुछ खोल देना ठीक नहीं है। सभी कह रहे हैं कि तीसरी लहर आने में कुछ दिन ही बचे हैं।
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर प्रज्ञा शर्मा ने कहा कि तीसरी लहर तो आएगी ही लेकिन इसमें कितने लोग संक्रमित होंगे यह बचाव के कदमों और टीकाकरण की गति पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, 'टीका ले चुके लोगों के बड़ी मात्रा में संक्रमित होने के बावजूद, संक्रमण की गंभीरता कम होगी और अस्पतालों पर दबाव नहीं रहेगा।