Nostradamus Predictions: साल 2026 मचाएगा तबाही! नास्त्रेदमस की ये भविष्यवाणी से लोगों में दहशत
punjabkesari.in Wednesday, Dec 31, 2025 - 05:58 PM (IST)
नेशनल डेस्क: जैसे ही नया साल 2026 आने वाला है, लोग जश्न की तैयारी में हैं, वहीं भविष्य को लेकर उत्सुकता और चिंता भी बढ़ रही है। बीते कुछ वर्षों में युद्ध, महंगाई और तकनीकी बदलाव जैसी कई वैश्विक चुनौतियां सामने आई हैं, जिससे लोगों के मन में अगले साल को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच फ्रांस के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की 2026 को लेकर भविष्यवाणियां सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
तीसरे विश्व युद्ध का खतरा
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि नास्त्रेदमस ने अपनी कविताओं में साल 2026 के मध्य में तीसरे विश्व युद्ध की संभावना जताई है। उनकी भविष्यवाणी के अनुसार, धर्म और राष्ट्र के नाम पर बड़े पैमाने पर हिंसा फैल सकती है और लोग एक-दूसरे के खिलाफ खड़े होंगे। मौजूदा वैश्विक हालात जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते यह दावे और गंभीर नजर आ रहे हैं।
आर्थिक संकट से जूझेंगे बड़े देश
नास्त्रेदमस के अनुसार 2026 आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण साल हो सकता है। अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य शक्तिशाली देशों को गंभीर आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है। महंगाई बढ़ने, समाज में तनाव फैलने और संकट के असर बड़े नेताओं की सत्ता पर भी दिखाई दे सकते हैं।
AI का बढ़ता नियंत्रण
भविष्यवाणी में तकनीकी बदलाव को लेकर भी चेतावनी दी गई है। साल 2026 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिर्फ सलाह देने या शोध में मदद करने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह लोगों के निजी जीवन और फैसलों पर भी असर डाल सकता है। सरकारें, कंपनियां और संस्थाएं AI पर अधिक निर्भर होंगी।
परमाणु हमले और अंतरिक्ष अभियानों का खतरा
कुछ भविष्यवाणियों को परमाणु हमले और अंतरिक्ष अभियानों से जोड़ा जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि कोई बड़ा देश परमाणु हमले की तैयारी कर सकता है, जिससे वैश्विक सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है।
प्रभावशाली व्यक्तियों की अचानक मौत
नास्त्रेदमस ने 2026 में किसी बड़े और प्रभावशाली व्यक्ति की अचानक मौत की संभावना भी जताई है। यह घटना दिन के उजाले में और बेहद चौंकाने वाली हो सकती है।
अनाज और गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी
भविष्यवाणी में फूड इंडस्ट्री को लेकर भी चेतावनी दी गई है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि गेहूं और अनाज की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिससे वैश्विक महंगाई और खाद्य सुरक्षा पर असर पड़ सकता है।
