1700 रुपये की चप्पल एक महीने में टूटी, उपभोक्ता फोरम पहुंचा युवक; जानें फिर आगे क्या हुआ

punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 10:25 PM (IST)

नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से उपभोक्ता अधिकारों से जुड़ा एक बेहद गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां सिर्फ एक जोड़ी चप्पल की शिकायत अब शोरूम मैनेजर के लिए कानूनी संकट बन गई है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने शोरूम के मैनेजर मोहम्मद उस्मान के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी कर दिया है। यह सख्त कार्रवाई उपभोक्ता फोरम के आदेशों की लगातार अवहेलना के चलते की गई है।

1700 रुपये में खरीदी गई थी चप्पल

यह मामला साल 2022 का है। जानकारी के मुताबिक, सीतापुर के बट्सगंज निवासी आरिफ ने 17 मई 2022 को ट्रांसपोर्ट चौराहे के पास स्थित एक शोरूम से 1700 रुपये की एक जोड़ी चप्पल खरीदी थी। खरीद के समय शोरूम मैनेजर ने चप्पल पर 6 महीने की वारंटी होने का दावा किया था। हालांकि, आरोप है कि खरीद के सिर्फ एक महीने के भीतर ही चप्पल खराब होकर टूटने लगी, जबकि वह सामान्य इस्तेमाल में थी।

शिकायत करने पर टालमटोल का आरोप

पीड़ित आरिफ का कहना है कि जब वह टूटी हुई चप्पल लेकर शोरूम पहुंचा, तो पहले तो उसे टालमटोल किया गया। बाद में शोरूम मैनेजर ने चप्पल अपने पास रख ली, लेकिन न तो नई चप्पल दी गई और न ही पैसे वापस किए गए। काफी समय तक परेशान होने के बाद आरिफ ने आखिरकार 17 अक्टूबर 2022 को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में मामला दर्ज कराया।

फोरम के आदेश: 9200 रुपये का भुगतान

उपभोक्ता फोरम ने शोरूम मैनेजर को कई बार नोटिस भेजे, लेकिन आरोप है कि मैनेजर न तो फोरम में पेश हुआ और न ही अपना पक्ष रखा। इसके बाद 8 जनवरी 2024 को फोरम ने आदेश जारी करते हुए शोरूम मैनेजर को चप्पल की कीमत लौटाने, मानसिक उत्पीड़न के लिए 2500 रुपये और वाद व्यय (मामले के खर्च) के रूप में 5000 रुपये। यानी कुल 9200 रुपये पीड़ित को देने का निर्देश दिया।

आदेश न मानने पर सख्त कार्रवाई

बताया जा रहा है कि फोरम के इस आदेश का भी पालन नहीं किया गया। आदेश की अवहेलना पर प्रकीर्ण वाद संख्या 12/2024 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 72 के तहत कार्रवाई शुरू की गई। इसके तहत जिला उपभोक्ता फोरम ने पुलिस अधीक्षक, सीतापुर को पत्र भेजा और निर्देश दिया कि:

  • 2 जनवरी 2026 तक हर हाल में

  • गैर-जमानती वारंट की तामील कराते हुए

  • शोरूम मैनेजर मोहम्मद उस्मान को गिरफ्तार कर

  • फोरम के सामने पेश किया जाए

उपभोक्ताओं के लिए बड़ा संदेश

यह मामला दिखाता है कि छोटी दिखने वाली शिकायत भी बड़ा कानूनी रूप ले सकती है, अगर उपभोक्ता के अधिकारों की अनदेखी की जाए। साथ ही यह उदाहरण है कि उपभोक्ता फोरम के आदेशों को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के मामलों से आम लोगों को यह सीख मिलती है कि अगर उनके साथ गलत हुआ है, तो वे डरने की बजाय उपभोक्ता फोरम का सहारा लें।


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Content Writer

Pardeep

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