Amarnath Yatra 2024: कांग्रेस के राज में बना बाबा बर्फानी के भक्तों का रिकॉर्ड, मोदी राज में लगातार गिर रहा आकंड़ा
punjabkesari.in Thursday, Jul 25, 2024 - 05:50 AM (IST)
नेशनल डेस्क: हर हर महादेव के जयकारों के साथ श्री अमरनाथ की यात्रा 28 जून से जारी है। सावन के महीने की शुरूआत के साथ बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। लेकिन कांग्रेस राज में बना बाबा बर्फानी के भक्तों का रिकॉर्ड मोदी राज में लगातार गिर रहा है। साल 2011 में भोलेनाथ के 6,30,000 लाख से अधिक भक्तों ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे। उसके बाद अभी तक यह रिकॉर्ड कायम हैं। मोदी सरकार भी हर साल भारी सुरक्षा के बीच भक्तों को बाबा के दर्शन करवा रही हैं लेकिन कांग्रेस राज में बना भक्तों का रिकॉर्ड अभी तक टूट नहीं पाया है। आइए जानते हैं मोदी राज में ऐसी क्या वजह रहीं कि तीर्थयात्रियों की संख्या लगातार घटती गईं।
मोदी राज में तीर्थयात्रियों की संख्या कम होने के 5 प्रमुख कारण हैं:
1. सुरक्षा चिंताएं: कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों और हमलों के कारण तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
2. राजनीतिक अस्थिरता: अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक अस्थिरता ने यात्रा को प्रभावित किया है।
3. स्वास्थ्य समस्याएं: उच्च ऊंचाई और कठोर मौसम के कारण तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिससे कई लोग यात्रा करने से बचते हैं।
4. कोविड-19 महामारी: महामारी के कारण 2020 और 2021 में यात्रा स्थगित कर दी गई थी, जिससे तीर्थयात्रियों की संख्या पर प्रभाव पड़ा।
5. पर्यावरणीय चिंताएं: यात्रा के पर्यावरणीय प्रभाव को देखते हुए कड़े नियम बनाए गए हैं, जिससे यात्रा करने वालों की संख्या सीमित हो गई है।
2004 से 2014 तक कांग्रेस राज में तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि के कारण:
1. बुनियादी ढांचे में सुधार: बेहतर सड़कें, चिकित्सा सुविधाएं और आवास ने यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुलभ बना दिया।
2. सरकारी प्रयास: सरकार ने यात्रा को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षा और प्रबंधन में सुधार किए।
3. आध्यात्मिक पर्यटन: लोगों में आध्यात्मिक अनुभव और तीर्थयात्राओं की बढ़ती चाह ने संख्या में वृद्धि की।
4. आर्थिक वृद्धि: इस अवधि में आर्थिक वृद्धि से लोगों की आय बढ़ी, जिससे वे तीर्थयात्रा कर सके।
5. मीडिया और जागरूकता: यात्रा और इसकी महत्वता के बारे में बढ़ी हुई मीडिया कवरेज ने अधिक लोगों को आकर्षित किया।
जानिए 2004 से लेकर 2023 तक कब कितने श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन
Year | Number of Yatris who had darshan at Holy Cave |
2004 | 4,00,000 |
2005 | 3,88,000 |
2006 | 2.65/3.47 lakh |
2007 | 2.14/2.96 |
2008 | 5,33,000 |
2009 | 3,81,000 |
2010 | 4,55,000 |
2011 | 6,34,000 |
2012 | 6,22,000 |
2013 | 3,53,000 |
2014 | 3,72,000 |
2015 | 3,52,771 |
2016 | 2,20,490 |
2017 | 2,60,003 |
2018 | 2,85,006 |
2019 | 3,42,883 |
2020 | NIL |
2021 | NIL |
2022 | 3.04 lakh |
2023 | 4.50 lakh |
चार लाख से अधिक श्रद्धालु अब तक कर चुके हैं बाबा के दर्शन
इसी बीच कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बुधवार को जम्मू से 2,900 से अधिक तीर्थयात्रियों का जत्था दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर ऊंचे अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए रवाना हुए। चार लाख से अधिक तीर्थयात्री पहले ही बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या साढ़े चार लाख से अधिक थी।
27वां जत्था रवाना
गवती नगर आधार शिविर से 103 वाहनों में 2,907 तीर्थयात्रियों का 27वां जत्था केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संरक्षण में तड़के 3:40 बजे रवाना हुआ। जत्थे में 2,194 पुरुष, 598 महिलाएं, 11 बच्चे और 104 साधु शामिल हैं।
19 अगस्त को समाप्त होगी यात्रा
अधिकारियों ने बताया कि उनमें से 1,773 तीर्थयात्रियों ने पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग को जबकि 1,134 ने छोटा लेकिन कठिन 14 किलोमीटर बालटाल मार्ग को चुना है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 28 जून को जम्मू से तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया था जिसके बाद से अब तक कुल 1,28,404 तीर्थयात्री यहां आधार शिविर से वार्षिक तीर्थयात्रा पर जा चुके हैं। अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी।
यह भी पढ़ें
Amarnath Yatra 2024: पिछले साल 4.5 लाख श्रद्धालुओं ने किए थे बाबा बर्फानी के दर्शन, क्या इस बार टूटेगा रिकॉर्ड