शहीद के भाई का दर्द— मालूम न था अब कभी नहीं आएगा संजय का फोन

punjabkesari.in Friday, Feb 15, 2019 - 07:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राजेश राजपूत ने बृहस्पतिवार की सुबह फोन पर अपने छोटे भाई सीआरपीएफ जवान संजय से बातचीत की थी लेकिन उन्हें यह मालूम नहीं था कि यह उनकी उनसे आखिरी बातचीत होगी। संजय राजपूत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के उन 40 जवानों में थे जो बृहस्पतिवार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में एक आत्मघाती आतंकवादी हमले में शहीद हो गये । यहां सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर कॉलोनी में संजय की शहादत की खबर पहुंचने पर मायूसी छा गयी। इस कॉलोनी में संजय का परिवार रहता है। राजेश ने पीटीआई भाषा से कहा कि उनके भाई नागपुर में सीआरपीएफ की 213 वीं बटालियन से चार साल से जुड़े थे।
PunjabKesari
संजय राजपूत अपने दो बेटों जय (13) और शुभम (11) तथा पत्नी सुषमा राजपूत के साथ सीआरपीएफ कॉलोनी में रहते थे। राजेश ने कहा, ‘‘वह श्रीनगर में 115 वीं बटालियन में नयी तैनाती के लिए 11 फरवरी को नागपुर से रवाना हुए थे। उन्होंने कल सुबह करीब साढ़े नौ बजे मुझे फोन किया और मुझसे कहा था कि अपनी नयी तैनाती से जुडऩे के लिए वह तड़के करीब साढ़े तीन बजे जम्मू से विदा हुए थे।’’
PunjabKesari
राजेश ने बताया कि इस अर्धसैनिक बल में 23 साल के अपने करियर के दौरान उन्होंने (संजय ने) कश्मीर, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर में भी सेवा दी। राजपूत का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा जिले के मल्कापुर से है। राजेश ने बताया कि संजय का पार्थिव शरीर शनिवार को नागपुर लाये जाने की संभावना है। उसी दिन शाम को मल्कापुर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
PunjabKesari 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News