ये मंत्री बनना चाहता है आजीवन पुजारी, वजह जान हो जाएंगे हैरान

punjabkesari.in Saturday, May 28, 2016 - 08:40 PM (IST)

जयपुर : सच ही कहा है, पैसे के लिए इंसान कुछ भी कर सकता है। अब इन मंत्री जी को ही लीजिए। समाज में अच्छा खासा रुतबा है। मान प्रतिष्ठा है, लेकिन मंत्री जी को यह सब पैसे के आगे फीका लग रहा है। 
जी हां, हम बात कर रहे हैं वसुंधरा राजे सरकार के देवस्थान मंत्री ओटाराम देवासी की, जो एक मंदिर में वर्षों से पुजारी पद पर जमे बैठे हैं। इसी का फायदा उठाकर उन्होंने सियासत में भी पांव जमा लिए। अब उन्होंने मंत्री पद का का फायदा उठाकर आजीवन पुजारी बनने को लेकर जुगत बिठानी शुरू कर दी है। कारण है मंदिर में आने वाला अकूत चढ़ावा। यही नहीं मंदिर की संपत्ति करीब 100 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा, हर साल करीब 37 लाख रुपये का चढ़ावा आता है। मंदिर के पास 75 बीघा सिंचित भूमि है। इस पर होने वाली खेती से 25 लाख रुपये की वार्षिक आमदनी है।
 
उधर, ग्रामीण और मंदिर ट्रस्ट उन्हें हटाने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर लोकायुक्त तक शिकायत कर चुके हैं। लोकायुक्त ने इस मामले में शुक्रवार को सरकार से रिपोर्ट मांगी है। मंदिर ट्रस्ट के अनुसार प्रतिमाह यहां करीब एक लाख रुपये का चढ़ावा भी आता है। इस कारण देवस्थान विभाग के मंत्री ओटाराम देवासी भी पुजारी पद का मोह नहीं छोड़ पा रहे। ग्रामीणों का आरोप है कि ओटाराम अब मंदिर के पुजारी पद पर स्थायी रूप से काबिज होने में जुटे हैं। इसके लिए देवस्थान विभाग से आदेश जारी कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। ओटाराम पाली जिले के मुंडारा गांव में स्थित चामुंडा माता मंदिर में 1985 से पुजारी हैं।
 
ग्रामीणों के अनुसार ओटाराम पहले प्रतिदिन इस मंदिर की पूजा किया करते थे, लेकिन मंत्री बनने के बाद किसी विशेष व्यक्ति के आने पर ही खुद पूजा करते हैं। ओटाराम मंत्री पद के लिए सरकार से वेतन-भत्ते लेने के साथ ही पुजारी पद के लिए ट्रस्ट उन्हें 4 हजार रुपये मासिक वेतन दे रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि ओटाराम मंदिर में राजनीतिक गतिविधियां चलाते हैं।
मंत्री बनने के बाद तो ये और भी बढ़ गई। पूजा-पाठ के लिए उन्हें समय ही नहीं मिला। वे तो किसी वीआईपी के आने पर ही मंदिर में पूजा के लिए दर्शन देते हैं। ग्रामीण 7 साल से चाह रहे हैं कि ओटाराम इस पद से हट जाएं। इसके लिए वे कई बार शिकायतें कर चुके हैं। 
 
मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों का आरोप है कि स्थायी पुजारी पद पाने के लिए ओटाराम ने अपने ही रिश्तेदार से ट्रस्ट भंग कराने के लिए देवस्थान विभाग को शिकायत पत्र लिखवा दिया, जिसके वे स्वयं मंत्री हैं। एक ही व्यक्ति के पत्र पर विभाग ने कार्रवाई की और रिसीवर नियुक्त कर दिया। ट्रस्ट को नोटिस जारी कर दिया कि क्यों नहीं नई प्रबंध समिति गठित कर दी जाए।
 
मंत्री पर ये लग रहे आरोप
मंदिर ट्रस्ट के सचिव दिलीप सिंह करनोत का कहना है कि मंत्री ओटाराम देवासी ने अपने मंत्री पद का दबाव बनाकर मंदिर ट्रस्ट पर कब्जा करना चाहते हैं। मंदिर का आजीवन पुजारी पद हथियाने के लिए वे अपने भाई और बेटों को ट्रस्ट में जोडऩा चाहते हैं। ट्रस्ट पुजारी के तौर पर उन्हें हर माह चार हजार रुपये वेतन देता है।
 
मंत्री जी ने ये दी सफाई
देवस्थान राज्य मंत्री ओटाराम देवासी ने बताया कि मैं तो वर्षों से इस मंदिर में पूजा करता आ रहा हूं। अगर मैं अनुपस्थित भी रहता हूं तो मेरे भाई पूजा करते हैं। मंदिर और जमीन से होने वाली आय हमारे परिवार के हिस्से आती है। मैं ट्रस्ट से कोई तनख्वाह नहीं लेता।

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