अचानक कोर्ट में गिरा वकील...जज ने दी CPR, फिर खुद गाड़ी चलाकर पहुंचाया अस्पताल, मगर अफसोस...

punjabkesari.in Tuesday, Aug 20, 2024 - 03:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के नागपुर कोर्ट में एक 65 वर्षीय वकील तलत इकबाल कुरैशी को दिल का दौरा पड़ा गया। जिससे वे बेहोश होकर गिर पड़े। उसी वक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) एसवी पवार ने उनकी मदद की, उन्हें सीपीआर दिया और अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया, लेकिन अफसोस, कुरैशी को नहीं बचाया जा सका।

कोर्ट रूम में दिल का दौरा पड़ने पर गिर पड़े वकील
घटना उस समय हुई जब जज पवार कोर्ट रूम में एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। वकील तलत इकबाल कुरैशी अपने केस की बारी का इंतजार कर रहे थे, तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे जमीन पर गिर पड़े। यह देखकर जज पवार तुरंत अपनी कुर्सी से उठकर नीचे पहुंचे और कुरैशी को CPR देने की कोशिश की। हालांकि, यह प्रयास सफल नहीं रहा।

हालत बिगड़ती देख जज ने सातवीं मंजिल से वकील को उतारा
जज पवार ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरन्त सातवीं मंजिल से नीचे उतरकर अपनी गाड़ी चलाकर कुरैशी को अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में पूर्व जिला बार एसोसिएशन के सचिव नितिन देशमुख ने एसयूवी की पिछली सीट पर कुरैशी की देखभाल की। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि दिल का दौरा पड़ने के कारण कुरैशी की मौत हो गई है।

'एम्बुलेंस का इंतजार करने का समय नहीं था...'
जज पवार ने बताया कि जब उन्होंने देखा कि कुरैशी को बहुत दर्द हो रहा था, तो यह आपातकालीन स्थिति थी। स्ट्रेचर या एम्बुलेंस का इंतजार करने का समय नहीं था, क्योंकि उस समय ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत थी, जो मौके पर नहीं उपलब्ध थी। वकील देशमुख ने कहा कि कोर्ट के कर्मचारियों की मदद से कुरैशी को कुर्सी पर उठाया गया। एसओएस कॉल के बाद वे ऊपर की ओर भागे, और सीपीआर देने के बाद कुछ समय के लिए कुरैशी ठीक भी हुए, लेकिन उन्होंने महसूस किया कि अगर वे मेडिकल टीम का इंतजार करते, तो बहुत देर हो जाती, इसलिए मामले को अपने हाथ में ले लिया गया।

एक माह पहले भी कोर्ट में बेहोश हो गए थे कुरैशी
पूर्व जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सतुजा ने एक महीने पहले भी इसी तरह की घटना की याद दिलाई, जब कुरैशी अदालत की कार्यवाही के दौरान बेहोश हो गए थे। सतुजा ने कहा कि जज ने उन्हें ईसीजी कराने की सलाह दी थी, लेकिन लगता है कि कुरैशी पूरी तरह से ठीक नहीं हुए थे। कुरैशी मधुमेह से पीड़ित थे और कुछ साल पहले अपनी पत्नी की मौत के बाद अकेले रह रहे थे। उनकी दो शादीशुदा बेटियां हैं। सतुजा ने कोर्ट परिसर में मेडिकल सुविधाओं की कमी पर चिंता जताते हुए कहा कि यदि कुरैशी को समय पर मेडिकल हेल्प मिलती, तो उनकी जान बचाई जा सकती थी।


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Content Editor

Harman Kaur

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