‘महिला के बालों को छूकर निकली गोली…’; पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे परिवार ने बताई आपबीती
punjabkesari.in Wednesday, Apr 30, 2025 - 06:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क : पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब भी लोग उस दर्दनाक मंजर को याद कर कांप उठते हैं। कर्नाटक के एक परिवार ने इस हमले में जिंदगी बचने की अपनी कहानी शेयर की है। उनका कहना है कि उन्होंने बचने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन पत्नी के हौसले ने उन्हें जीने की ताकत दी।
क्या हुआ उस दिन?
प्रदीप हेगड़े, उनकी पत्नी शुभा हेगड़े और बेटा सिद्धांत हेगड़े 21 अप्रैल को श्रीनगर पहुंचे थे और उसी दिन पहलगाम घूमने गए। उन्होंने तीन घोड़े किराए पर लिए और बैसरन की ओर रवाना हुए। रास्ता फिसलन भरा था, लेकिन करीब सवा घंटे बाद बैसरन घाटी पहुंच गए।
वहां कुछ समय बिताने के बाद दोपहर करीब 1:45 बजे, बेटे को भूख लगी। परिवार एक मैगी स्टॉल पर गया। पत्नी टॉयलेट के लिए गईं और फिर पैसे लेने लौटीं। जब वह वापस आईं, तब तक पति और बेटा खाना खा चुके थे।
अचानक शुरू हुई गोलीबारी
चाय का ऑर्डर देने के कुछ ही देर बाद पहली गोली की आवाज आई। दुकानदारों ने कहा कि शायद पटाखे हैं। लेकिन कुछ ही सेकंड बाद प्रदीप ने दो लोगों के हाथों में राइफलें देखीं। एक आतंकी निचली ओर गया और दूसरा उनकी तरफ बढ़ा।
Bullet Brushed My Hair During Terror Attack, Says Pahalgam Tourist
— Katman (@MindoFact) April 29, 2025
Shubha Hegde, an eyewitness to the Pahalgam attack, shared how a bullet barely missed her as she tried to save her family's IDs and phones. Her quick action came amid chaos as terrorists opened fire. #India… pic.twitter.com/7tuKCdQt4Z
परिवार जमीन पर लेट गया। तभी एक गोली शुभा के पास से बालों को छूकर निकल गई। लेकिन वह घबराई नहीं, बल्कि परिवार को हौसला दिया कि कुछ नहीं होगा। प्रदीप कहते हैं कि उनकी पत्नी का आत्मविश्वास ही उन्हें बचा ले गया।
घोड़ेवालों ने बचाई जान
शुभा के अनुसार, घोड़े वालों ने चिल्लाकर कहा – गेट की ओर भागो! वे लोग दौड़े, बेटा रास्ते में गिरा, लेकिन किसी तरह सभी बाहर निकल गए। रास्ता पता नहीं था, फिर भी 2-3 किलोमीटर बिना रुके चलते रहे। कई बार गिरे भी, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। बाद में एक घोड़े वाले की मदद से वे लोग नीचे सुरक्षित लौट आए।