समितियों के अध्यक्षों, सदस्यों से विचार-विमर्श के बाद निर्णय हुआ: धनखड़

punjabkesari.in Friday, Mar 10, 2023 - 12:26 AM (IST)

नेशनल डेस्क : उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसदीय समितियों के साथ अपने ‘‘निजी स्टॉफ'' संबंद्ध करने के मामले का उल्लेख करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस कदम को उठाने से पहले समितियों के प्रमुखों और सदस्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया गया था। उधर, कांग्रेस महासचिव और संसद की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति के प्रमुख जयराम रमेश ने धनखड़ की बात से असहमति जताते हुए कहा कि समिति के प्रमुख के तौर पर उनके साथ कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ।

धनखड़ पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह की ‘मुंडक उपनिषद' पर आधारित एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। धनखड़ ने कर्ण सिंह की ओर मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘आपको संसद के कार्य में संसदीय समितियों की भूमिका से आप सभी परिचित हैं। मुझे कुछ समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों ने सुझाव दिए कि मैं समितियों की उत्पादकता बढ़ाने और उन्हें अधिक प्रभावकारी बनाने के लिए कुछ करूं।''

उनका कहना था, ‘‘मैंने समितियों को और अधिक कुशल और प्रशिक्षित मानव संसाधन देने का निर्णय किया। इस निर्णय से पहले समितियों के सदस्यों और अध्यक्षों से व्यापक विमर्श किया गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया में एक विमर्श चलाया जा रहा है कि सभापति ने समितियों में अपने सदस्यों की नियुक्ति कर दी है। क्या किसी ने वास्तविकता जांचने की कोशिश भी की है? संसदीय समितियां संसद सदस्यों से मिलकर बनती हैं, ये पूरी तरह उनका अधिकार क्षेत्र है।

लेकिन सच्चाई जानने की कोशिश नहीं की गयी।'' कांग्रेस नेता रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘राज्यसभा के सभापति ने कहा है कि विभिन्न समितियों के साथ उनके निजी स्टॉफ को संबंद्ध करने संबंधी उनका विवादित कदम समिति के प्रमुखों से विचार-विमर्श के बाद उठाया गया था। मैं एक स्थायी समिति का प्रमुख हूं और स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि मेरे साथ कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ था।''


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News Editor

Parveen Kumar

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