''लाश पड़ी थी, घंटों मां-बाप को खड़ा रखा...'' शव की हालत ने परिवार को झकझोर दिया, डॉक्टरों की हड़ताल जारी
punjabkesari.in Wednesday, Aug 14, 2024 - 06:26 PM (IST)
नेशनल डेस्क: 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला जूनियर डॉक्टर का शव बरामद हुआ था, जिसे पहले आत्महत्या का मामला बताया गया। लेकिन जांच में सामने आया कि महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार हुआ था और बाद में उसकी हत्या की गई। इस मामले में सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना के बाद देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोधस्वरूप हड़ताल कर दी थी। उनकी मांगों को मानते हुए अस्पताल प्रशासन ने प्रिंसिपल और सुपरिटेंडेंट को हटा दिया और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई।
हमारे सहयोगी 'द लल्लनटॉप' ने ट्रेनी डॉक्टर की पड़ोसी से बातचीत की, जिन्होंने इस घटना के बारे में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए। पड़ोसी ने बताया कि मृतक डॉक्टर के परिवार को अस्पताल में तीन घंटे खड़ा रखा गया। परिवार ने अपनी बेटी का शव देखने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। जब मृतक डॉक्टर के पिता ने खुद मोबाइल से शव की तस्वीरें खींचीं, तो पाया गया कि महिला के मुंह में खून था, चश्मा कुचला गया था, और शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। इसके साथ ही, शव के पैर एक असामान्य स्थिति में मिले, जो पेल्विक गर्डल के टूटने का संकेत था, यह दर्शाता है कि महिला को गला घोंटकर मारा गया था।
पड़ोसी ने बताया, "करीब 10:30 बजे मेरी पड़ोसी (मृतक की मां) चीखते, बिलखते और रोते हुए मुझसे लिपटती है और कहती है कि सबकुछ खत्म हो गया। मैंने कहा क्या हो गया? उसने कहा कि मेरी लड़की ने सुसाइड कर लिया है ये खबर आई है हॉस्पिटल से। मैंने पूछा सुसाइड... कब, कैसे। उसने कहा कि उन्होंने यही बोला है। हम चार लोग, मैं, लड़की के माता-पिता और हमारे एक और साथी अस्पताल पहुंचे. वहां हमको तीन घंटे खड़े रखा।"
'3 घंटे तक इंतज़ार करवाया.. हम हाथ जोड़ते रहे'
— The Lallantop (@TheLallantop) August 13, 2024
'हम प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से गुहार लगाते हैं...'
कोलकाता रेप केस में डॉक्टर के घर वालों ने क्या-क्या कहा?@siddhantmt @vijaykr_x#KolkataDoctorDeath #KolkataRapeCase #DoctorsProtest pic.twitter.com/4vd5uumHQl
इस बारे में आगे बात करते हुए उन्होंने बताया, "एक मां-बाप जिनकी 31 साल की बेटी ऐसे खत्म हो जाती है, उन्हें तीन घंटे तक खड़ा रखा गया। मां-बाप हाथ जोड़ते रहे, हमें एक बार दिखाओ... हमारी बच्ची का मुंह एक बार दिखाओ। हमको नहीं दिखाया गया। तीन घंटे बाद माता-पिता को सेमिनार हॉल में ले जाया गया। पिता ने अपने मोबाइल फोन में फोटो खींचके लाके मुझे दिखाया। उसके मुंह में खून था। चश्मे को कूचा गया था, जिससे आंखों से खून निकला था। शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। पैर दोनों राइट एंगल में मिला। एक पांव बेड के एक तरफ और दूसरा पांव बेड के दूसरी तरफ था। जब तक पेल्विक गर्डल (Pelvic Girdle) नहीं टूटता है, पैर ऐसे नहीं हो सकते। गला घोंटकर उसे मारा गया।"
पड़ोसी ने आगे कहा, "31 साल की इस होनहार डॉक्टर के साथ जो हुआ, वह बेहद दुखद है। उन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से डॉक्टर बनने का सपना पूरा किया था। अब हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इस मामले में न्याय सुनिश्चित करेंगे।" इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा किया है और चिकित्सकों के साथ-साथ आम लोगों में भी गहरी चिंता और दुख का माहौल है। जांच अभी भी जारी है और सच्चाई सामने आने का इंतजार किया जा रहा है।