नोट बंदी का राजनीतिक पार्टियों पर भी पड़ा असर, बंसल बोले शगुन के पैसे न होने से चार शादियों में नहीं गया

punjabkesari.in Wednesday, Nov 23, 2016 - 09:47 AM (IST)

चंडीगढ़ : पांच सौ और एक हजार रुपए के पुराने नोट बंद हो जाने के बाद से हर आम आदमी परेशान है। किसी का कारोबार ठप्प हो गया है तो किसी को जरूरत का सामान खरीदने में दिक्कत हो रही है। लोग घर चलाने के लिए कैश की खातिर रोजाना बैंक और ए.टी.एम. पर लाइन में लग रहे हैं लेकिन राजनीतिक दलों से जुड़े प्रमुख लोगों की बात की जाए तो कांग्रेस नेता खुलकर परेशानी जता रहे हैं तो भाजपा नेता नोटबंदी से किसी भी तरह की परेशानी जताने से बच रहे हैं। यह बात अलग है कि उनका हाल भी किसी भी आम आदमी से कम नहीं है। खास बात यह है कि परेशानी के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले को सही ठहरा रहे हैं।

 

शगुन के पैसे न होने से चार शादियों में नहीं गया: बंसल
पूर्व रेल मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता पवन बंसल से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि मोदी का कालेधन को खत्म करने को लेकर किया गया नोटबंदी का यह फैसला सही है लेकिन उन्होंने कहा कि बिना किसी तैयारी के और बिना योजना बनाए इसे लागू करने का नतीजा आज वह खुद भी भोग रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें भी परेशानी से गुजरना पड़ रहा है लेकिन आम आदमी की तुलना में हमें कम परेशानी झेलनी पड़ रही है। बंसल ने बताया कि नोटबंदी के बाद वह अपने घर के फालतू खर्चों को कंट्रोल कर  रहे हैं। 

 

राशन की मात्रा तक घटा दी: छाबड़ा
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बैंक व ए.टी.एम. से नोट निकलवाने को लेकर तय की गई लिमिट के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मेरी पत्नी व बेटी को चैक के जरिए बैकों से रुपए निकलवाने के लिए तीन-तीन, चार-चार घंटे लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है। मैं तो पार्टी के कामकाज में व्यस्त होने के चलते बैंक जा नहीं पा रहा। मोदी का फैसला आम आदमी के साथ ज्यादती है। आम जनता अपने आपको आजाद भारत में गुलाम महसूस कर रही है। छाबड़ा ने बताया कि इन हालात में घर के खर्च को कंट्रोल करने के लिए उन्होंने अपने ए.सी. तो बंद कर ही दिए हैं। 

 

नोटबंदी से कोई दिक्कत नहीं: धवन
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता हरमोहन धवन ने कहा कि लोगों ने 15 दिन के अंदर कैश को हौवा बना लिया है। जिनके पास फिलहाल खर्च के लिए कैश है, वो भी बैंक की लाइन में खड़ा होना चाहता है, जैसे फिर कभी कैश नहीं मिलेगा। धवन ने कहा कि नोटबंदी के बाद मुझे सिर्फ दो बार कैश की जरूरत पड़ी और मैंने अपने बैंक अकाउंट से निकलवा लिए। एक अकाउंट से 24000 ही निकल सकते हैं, इसलिए दूसरे अकाउंट से भी निकाल लिए। अगर अगले महीने की शुरुआत तक भी यह स्थिति रही तो मैं अपने स्टाफ को तनख्वा चैक से दे दूंगा। कहीं कोई दिक्कत ही नहीं है।

 

सिर्फ पहले दिन हुई दिक्कत: टंडन
चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने बताया कि नोट बंदी के बाद पहले दिन जरूर सब्जी लेने में दिक्कत आई। उस दिन तो घर में सबकी जेब से 100 के नोट निकले गए। बच्चों से भी पूछना पड़ा। उस दिन 100 रुपए के नोट की वैल्यू सोने के बराबर थी लेकिन उसके बाद कैश आ गया और जरूरत के हिसाब से इतना बहुत है। बड़ी ट्रांजैक्शन के लिए तो चैक है, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन भी ऑप्शन है। इसलिए अब कोई दिक्कत नहीं है।


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