आतंकवादियों ने वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों को निशाना बनाने के लिए किया अमेरिका निर्मित हथियारों का इस्तेमाल!

punjabkesari.in Monday, Jun 10, 2024 - 02:46 PM (IST)

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के  रियासी में हुए आतंकी हमले में घटनास्थल से बरामद खाली खोखों के आधार पर दो अलग-अलग तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। एक टीवी चैनल के अनुसार, पहचाने गए हथियारों में से एक प्रकार अमेरिकी निर्मित एम4 राइफल है, जिसका प्रमाण साइट पर पाए गए खाली पीतल के गोले से मिलता है। इसके अतिरिक्त, मलबे के बीच छोटे गोले भी पाए गए। ये राउंड एके-47 असॉल्ट राइफल के हैं, जिनकी माप 7.62x39 मिमी है।

एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, “दो प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल किया गया। एक M4 प्रकार का हथियार है, जो अमेरिकी निर्मित है, जिसे खाली पीतल के खोल से पहचाना जाता है, और दूसरा एक छोटा राउंड है, जो एक AK-47 राउंड है, जिसका माप 7.62×39 है। 7.62 गोली का व्यास है, और 39 लंबाई है।'' 
 
रिपोर्ट के अनुसार,  घाटी में कई आतंकवादी समूह अफगानिस्तान में आसान उपलब्धता के कारण अमेरिकी निर्मित हथियारों का उपयोग कर रहे हैं। जब 2021 में अमेरिकी अफगानिस्तान से चले गए, तो वे गोला-बारूद के साथ-साथ M4 और M16 असॉल्ट राइफलों के विशाल भंडार को पीछे छोड़ गए। इन हथियारों के लाखों राउंड अमेरिका ने अफगानिस्तान में छोड़े थे।

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कश्मीर में आतंकियों के हाथ कैसे पहुंचे अमेरिका निर्मित हथियार?
 रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में छोड़े गए अमेरिका निर्मित हथियार न केवल अफगानिस्तान के भीतर बल्कि पाकिस्तान में भी फैल गए हैं और फिर पंजाब और जम्मू-कश्मीर के माध्यम से भारत में प्रवेश कर गए हैं। इस छोटे राउंड का उपयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि यह बहुत हल्का, उच्च-वेग वाला राउंड है। यदि आप स्नाइपर हथियार से गोली चलाना चाहते हैं, तो M4 500-600 मीटर की दूरी पर लक्ष्य पर हमला करने के लिए एक बेहद सटीक हथियार है। 

TRF ने जिम्मेदारी का दावा किया
वहीं इससे पहले जिहादी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा की पाकिस्तान समर्थित शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। रविवार को हुए इस हमले में 10 पर्यटकों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए।
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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