'अब मुझे यहां नहीं रहना'... कहते थे बागेश्वरी धाम के पुजारी, अब बंद कमरे में मिला उनका शव
punjabkesari.in Sunday, Jul 20, 2025 - 12:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के डीडई थाना क्षेत्र में स्थित एक मंदिर के पुजारी बाबा सरयू दास (74) की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या माना जा रहा है। हालांकि कस्बे में इस घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं और सवाल भी उठ रहे हैं।
कमरे में अकेले थे बाबा, अंदर से बंद था दरवाजा
यह घटना शनिवार दोपहर की है जब मंदिर परिसर में बने कमरे से गोली चलने की आवाज़ सुनाई दी। मंदिर में मौजूद सेवादार ने बताया कि उस समय बाबा सरयू दास अपने कमरे में अकेले थे और कमरा अंदर से बंद था। गोली की आवाज़ सुनकर सेवादार तुरंत कमरे की ओर दौड़ा लेकिन लोहे का दरवाजा बंद होने के कारण वह अंदर नहीं जा सका।
तत्काल इसकी सूचना स्थानीय लोगों और पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद लोहे का दरवाजा तोड़ा। अंदर बाबा सरयू दास का शव खून से लथपथ फर्श पर पड़ा था उनकी कनपटी पर गोली लगी थी और पास ही 315 बोर का देशी तमंचा बरामद हुआ।
पुलिस की प्रारंभिक जांच और उठते सवाल
मामले की जानकारी देते हुए सीओ इटवा शुभेंदु सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मौके से बरामद कट्टे की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर तफ्तीश कर रही है ताकि घटना के पीछे का सटीक कारण पता चल सके।
सेवादारों के मुताबिक बाबा सरयू दास करीब सात साल पहले चित्रकूट से धौरहरा गांव आए थे और उन्होंने बागेश्वरी धाम मंदिर की स्थापना की थी। तब से वे यहीं रहकर मंदिर में पूजा-अर्चना और सेवा कार्य करते थे। मंदिर को उन्होंने धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र बनाया था।
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सेवादारों ने यह भी बताया कि हाल के दिनों में बाबा परेशान नज़र आ रहे थे लेकिन परेशानी का कारण नहीं बताते थे। वे अक्सर कहते थे कि उन्हें यहां से जाना है। बाबा सरयू दास की इस तरह मौत से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में शोक की लहर दौड़ गई है। मंदिर में बाबा के प्रति गहरी आस्था रखने वाले भक्तों में इस घटना को लेकर आक्रोश और सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बाबा सरयू दास ने क्षेत्र में धार्मिक और सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
फिलहाल इलाके में बाबा की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं: आखिर बाबा ने ऐसा कदम क्यों उठाया? वे क्यों परेशान थे और यहां से जाने की बात क्यों कर रहे थे? क्या कोई उन्हें ब्लैकमेल या धमका तो नहीं रहा था? इन सवालों के जवाब पुलिस जांच के बाद ही मिल पाएंगे।