भाजपा के खिलाफ विपक्ष को लामबंद करने में जुटे हैं तेजस्वी यादव

punjabkesari.in Thursday, Feb 16, 2023 - 06:27 PM (IST)

जालंधर, नैशनल डैस्क: 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट होने की कोशिश तो कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी यह मुहिम सिरे नहीं चढ़ पा रही है। इसी कड़ी में हाल के महीनों में बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने कई शीर्ष विपक्षी नेताओं और मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की है। बीते मंगलवार को तेजस्वी ने दिल्ली के सीएम और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की और मौजूदा सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

केजरीवाल से तेजस्वी की मुलाकात
केजरीवाल से मुलाकात के तुरंत बाद तेजस्वी ने हिंदी में एक ट्वीट कर कहा कि भाजपा सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, संसाधनों, राष्ट्रीय संपत्ति और देश को पूंजीपतियों के लिए गिरवी रख दिया है। उन्होंने कहा कि हम सभी को देश को बचाने के लिए एक साथ आना होगा। पिछले शनिवार को तेजस्वी ने झारखंड के सीएम और झामुमो नेता हेमंत सोरेन से रांची में उनके घर पर मुलाकात की और भविष्य की चुनौतियों और उनकी पार्टियों के 2024 के लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ने की संभावना पर चर्चा की। राजद नेता ने तब संवाददाताओं से कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी दलों को सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।

ममता बनर्जी और केसीआर से मुलाकात
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल तेजस्वी ने पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस, पूर्व में टीआरएस) प्रमुख के चंद्रशेखर राव और तमिलनाडु के सीएम और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन से मुलाकात की थी। उन्होंने सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से भी कई बार मुलाकात की। उन्होंने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे का भी गर्मजोशी से स्वागत किया, जब आदित्य ठाकरे पटना में उनसे मिले।

क्या है तेजस्वी का मकसद
बिहार के सीएम और जद (यू) सुप्रीमो नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के खिलाफ विपक्षी ताकतों को लामबंद करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी मिशन शुरू करने के लिए तैयार हैं, तेजस्वी ने भी इस कारण के अपना अभियान  तेज कर दिया है। वह विपक्षी एकता, गैर-भाजपा खेमे के महत्वपूर्ण नेताओं से मिलने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि तेजस्वी दो उद्देश्यों के साथ ऐसा कर रहे हैं। सबसे पहले एक राजनेता के रूप में अपने स्वयं के विकास को बढ़ावा देना और बिहार से परे एक नेता के रूप में अपनी स्वीकृति सुनिश्चित करना। दूसरा 2024 की चुनावी लड़ाई के लिए विपक्ष को एक साथ लाने में नीतीश की सहायता करना।

तेजस्वी अपने दम पर कर रहे हैं प्रयास
विपक्षी पार्टियों के मोदी सरकार के खिलाफ लामबंद होने के अभी तक कोई स्पष्ट संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। राजद खेमे के अनुसार तेजस्वी हालांकि इस संबंध में अपने दम पर प्रयास कर रहे हैं और बिहार के सीएम द्वारा ऐसा करने के लिए उन्हें काम  नहीं सौंपा गया है। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि तेजस्वी प्रसाद यादव देश में जो हो रहा है, उसके लिए मूकदर्शक नहीं बने रह सकते। कई लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले हुए हैं। अडानी मामले में सरकार की भूमिका सवालों के घेरे में है। किसी को हमसे यह नहीं पूछना चाहिए कि जब ऐसी चीजें हो रही थीं तब हम कहां थे। राजद का भी मानना ​​है कि तेजस्वी अब बड़ी जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं। राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के स्वास्थ्य के आधार पर बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं होने से तेजस्वी ने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर स्टैंड लेने के लिए कमर कस ली है।


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Content Editor

SS Thakur

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