तेजस फाइटर जेट क्रैशः जान गंवाने वाले पायलट की तस्वीर आई सामने
punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 10:14 PM (IST)
नेशनल डेस्कः दुबई एयरशो 2025 के दौरान शुक्रवार को भारतीय वायुसेना (IAF) का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस हादसे का शिकार हो गया। इस दुर्घटना में विमान उड़ा रहे पायलट विंग कमांडर नमंश स्याल की मौत हो गई। वह हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले थे और एक अनुभवी फाइटर पायलट के तौर पर वायुसेना में उनकी खास पहचान थी।
कैसे हुआ हादसा?
एयरशो के दौरान तेजस जेट नियमित एरोबेटिक प्रदर्शन कर रहा था। तभी अचानक विमान ऊंचाई से तेजी से नीचे आता हुआ दिखाई दिया। चश्मदीदों और मोबाइल वीडियो में यह साफ दिखा कि विमान सीधा जमीन की ओर गिरा और टकराते ही आग का बड़ा गोला बन गया। हर तरफ धुआं छा गया और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचा, पर पायलट को नहीं बचाया जा सका।
कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित
भारतीय वायुसेना ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (CoI) बनाई जा रही है। वायुसेना ने एक्स पर पोस्ट किया: “IAF को हुए जानमाल के नुकसान पर अत्यंत दुख है। इस कठिन समय में हम शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं।”
क्या है दुबई एयरशो?
दुबई एयरशो दुनिया के सबसे बड़े एयरोस्पेस इवेंट्स में से एक है। इसका आयोजन हर दो साल में UAE में होता है। 2025 के आयोजन (17–21 नवंबर) में 150 देशों से 1,500 से ज्यादा प्रदर्शक और 1.48 लाख से अधिक प्रोफेशनल शामिल हुए। भारत ने तेजस जैसे स्वदेशी विमानों के जरिए अपनी रक्षा क्षमता दिखाने की तैयारी की थी।
राजनाथ सिंह और राहुल गांधी ने जताया शोक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "दुबई एयर शो में हवाई प्रदर्शन के दौरान एक बहादुर और साहसी भारतीय वायुसेना पायलट के निधन से गहरा दुःख हुआ है। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। इस दुखद घड़ी में पूरा देश उनके परिवार के साथ खड़ा है।" लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दुबई एयर शो में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान तेजस के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण पायलट की मौत पर दुख जताया और कहा कि देश उनके परिवार के साथ खड़ा है।
तेजस विमान क्यों है खास?
तेजस भारत में HAL द्वारा विकसित एक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) है। यह सुपरसोनिक गति, आधुनिक एवियोनिक्स और बेहतरीन मैन्यूवरिंग क्षमता के लिए जाना जाता है। दुबई एयरशो में तेजस की प्रस्तुति भारत की रक्षा तकनीक को दिखाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही थी।
