कर्मचारी को फर्जी बहाना बनाकर छुट्टी लेना पड़ा महंगा, 3 लाख रुपए का लगा जुर्माना
punjabkesari.in Saturday, Oct 05, 2024 - 04:37 PM (IST)
नेशनल डेस्क: कई बार कर्मचारी ऑफिस से छुट्टी लेने के लिए बीमारी का बहाना बना देते हैं, और ऐसा ही एक मामला सिंगापुर में सामने आया है। यहां की एक अदालत ने 37 वर्षीय महिला पर नौकरी से छुट्टी लेने के लिए फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में 5,000 सिंगापुर डॉलर (लगभग 3.26 लाख रुपये) का जुर्माना लगाया है।
मामला क्या है?
महिला का नाम सु किन है, जो एक सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं। उन्होंने अपनी मां के स्वास्थ्य को लेकर तनाव और अपनी परेशानियों के चलते एक आवेगपूर्ण निर्णय लिया। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, सु ने 18 साल की उम्र में सरकारी छात्रवृत्ति पर सिंगापुर पहुंची थीं और वहां एक कंपनी, ईटीसी सिंगापुर एसईसी में काम कर रही थीं।
फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया
सु ने अपने नियोक्ता के लिए एक फर्जी चिकित्सा प्रमाण पत्र तैयार करने के लिए एडोब फोटोशॉप का इस्तेमाल किया। उन्होंने एक पुराने वैध चिकित्सा प्रमाण पत्र में फेरबदल किया, जिसमें शीर्षक बदलकर सेंट ल्यूक अस्पताल कर दिया और भर्ती होने की तारीख को 23 मार्च से 3 अप्रैल, 2024 कर दिया। इसके जरिए उन्हें नौ दिन की छुट्टी मिली और वेतन के रूप में 3,541.15 सिंगापुर डॉलर भी मिले।
योजना का भंडाफोड़
यह योजना तब ध्वस्त हुई जब 4 अप्रैल को सु के इस्तीफे की प्रक्रिया के दौरान मानव संसाधन प्रमुख को जालसाजी का पता चला। जब क्यूआर कोड की जांच की गई, तो वह टूटा हुआ पाया गया। सु ने एक और जाली प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया, जिसके कारण उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया और नियोक्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
अदालत में सुनवाई
अदालत में सु ने जालसाजी के मामले में दोषी ठहराया गया। उनके वकील ने तर्क दिया कि उनके कार्य दुर्भावना से प्रेरित नहीं थे, बल्कि महत्वपूर्ण भावनात्मक और वित्तीय दबाव के कारण हुए थे। सु अपनी मां के स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार थीं और उन्हें फ्रीलांस काम करने की भी जरूरत थी, जिसमें वेतन नहीं मिलता था।
सजा
अभियोजन पक्ष ने सु के कृत्य की गंभीरता का हवाला देते हुए 5,000 से 6,000 सिंगापुर डॉलर का जुर्माना लगाने की सिफारिश की। हालांकि, सु को अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए घर लौटने का मौका मिल गया, क्योंकि उन्हें चार साल तक की जेल की सजा हो सकती थी, लेकिन उन्हें केवल जुर्माना देना पड़ा। वर्तमान में सु बेरोजगार हैं और उन्हें अपनी दोनों नौकरियों से निकाल दिया गया है।