Swiggy IPO लिस्टिंग: निवेशकों की किस्मत खुलेगी या होगी मायूसी? जानें आज का GMP
punjabkesari.in Wednesday, Nov 13, 2024 - 09:27 AM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत के प्रमुख फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) का IPO (Initial Public Offering) आज (बुधवार) को शेयर बाजार में लिस्ट होने जा रहा है। यह IPO 11,327 करोड़ रुपये के कुल मूल्य के साथ इस साल का दूसरा सबसे बड़ा IPO है। स्विगी के IPO को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, क्योंकि इसे 3.6 गुना सब्सक्राइब किया गया था। इसमें लगभग 90 प्रतिशत आवेदन संस्थागत निवेशकों से प्राप्त हुए थे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि निवेशकों को क्या मिलेगा – मुनाफा या फिर मायूसी?
स्विगी IPO का प्राइस बैंड और लिस्टिंग की स्थिति
स्विगी का IPO 390 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड पर जारी किया गया था। इसके तहत कंपनी ने 4,499 करोड़ रुपये की ताजा पूंजी जुटाई है, जबकि शेष 6,828 करोड़ रुपये की सेकंडरी शेयर बिक्री है। IPO के जरिए जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपने स्टोर नेटवर्क को बढ़ाने, तकनीकी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने, ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर खर्च करने और अपने व्यवसाय के विस्तार में करेगा। स्विगी के शेयरों का लिस्टिंग प्राइस IPO के प्राइस बैंड के आसपास रहने की उम्मीद है, हालांकि बाजार की वर्तमान स्थिति और ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) के आधार पर इसकी लिस्टिंग में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
IPO की डिटेल्स: क्या था प्राइस बैंड और सब्सक्रिप्शन?
स्विगी के IPO में 390 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया था। इस इश्यू में मुख्य रूप से दो हिस्से थे:
1. नई पूंजी (Fresh Issue): स्विगी ने 4,499 करोड़ रुपये की ताजा पूंजी जुटाई है, जो कंपनी के विकास और विस्तार योजनाओं के लिए उपयोग की जाएगी।
2. सेकंडरी शेयर बिक्री (Secondary Share Sale): इस हिस्से में 10 बड़े निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी बेची है। इनमें प्रमुख निवेशक टेनसेंट, एक्सेल इंडिया और अपोलेट्टो एशिया शामिल हैं। इस हिस्से से कुल 6,828 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।
स्विगी के IPO को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, और यह 3.6 गुना सब्सक्राइब हुआ। वहीं, संस्थागत निवेशकों ने इसमें 90 प्रतिशत हिस्सा लिया, जो एक मजबूत संकेत है कि बड़े निवेशक स्विगी के व्यवसाय और भविष्य में विश्वास रखते हैं।
स्विगी की स्थिति
स्विगी के लिए यह IPO एक अहम कदम है, क्योंकि इसके माध्यम से कंपनी अपना व्यवसाय और विस्तार योजनाओं को पूरा करने के लिए पूंजी जुटा रही है। स्विगी ने IPO के जरिए प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में करने का ऐलान किया है, जिनमें शामिल हैं:
- स्टोर नेटवर्क का विस्तार: स्विगी अपने स्टोर नेटवर्क को बढ़ाने के लिए इस राशि का इस्तेमाल करेगा। खासकर छोटे शहरों और कस्बों में अपनी उपस्थिति बढ़ाना स्विगी के लिए एक बड़ी प्राथमिकता है।
- तकनीकी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर: कंपनी अपनी तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए भी इस पूंजी का उपयोग करेगी। क्लाउड आधारित समाधान और तकनीकी ढांचा कंपनी की सेवा वितरण क्षमता को और बेहतर बना सकते हैं।
- ब्रांड मार्केटिंग और प्रमोशन: स्विगी अपनी ब्रांडिंग और मार्केटिंग रणनीतियों में सुधार करने के लिए भी इस राशि का इस्तेमाल करेगा ताकि वह प्रतिस्पर्धा में आगे रह सके।
- विस्तार गतिविधियां: कंपनी अपनी बिजनेस और ऑपरेशनल गतिविधियों को और बढ़ाने के लिए इस राशि का इस्तेमाल करेगी, ताकि वह अधिक से अधिक बाजारों तक पहुंच सके।
स्विगी की तुलना जोमैटो से
स्विगी के लिए सबसे बड़ी चुनौती उसकी प्रमुख प्रतिस्पर्धी जोमैटो है। जोमैटो की वर्तमान वैल्यू करीब 2.31 लाख करोड़ रुपये है, जो उसे भारत की 38वीं सबसे बड़ी कंपनी बनाती है। वहीं, स्विगी का IPO लिस्टिंग के बाद लगभग 87,300 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर हो सकता है, जो जोमैटो के मुकाबले काफी कम है। यह ध्यान देने वाली बात है कि जोमैटो ने 2021 में 9,375 करोड़ रुपये का IPO जारी किया था, जिसमें 9,000 करोड़ रुपये के नए शेयर 76 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर जारी किए गए थे। वर्तमान में, जोमैटो का शेयर बीएसई पर 261 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
स्विगी का वित्तीय प्रदर्शन
स्विगी का ऑपरेशनल प्रदर्शन पिछले कुछ वर्षों में अपेक्षाकृत मजबूत रहा है, हालांकि यह लगातार घाटे में रहा है। वित्त वर्ष 2023 में स्विगी का घाटा 4,179 करोड़ रुपये था, लेकिन वित्त वर्ष 2024 में यह घाटा घटकर 2,350 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी का राजस्व भी वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 11,247 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 8,265 करोड़ रुपये था।इसमें कोई शक नहीं कि स्विगी ने अपनी राजस्व वृद्धि में सुधार किया है, लेकिन यह भी सही है कि कंपनी का मुनाफा अभी भी दूर है। आने वाले समय में जब तक स्विगी अपने लागतों में कमी नहीं लाती और अधिक ग्राहकों को आकर्षित नहीं करती, तब तक कंपनी के लिए लाभप्रदता की दिशा में आगे बढ़ना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) और लिस्टिंग का अनुमान
स्विगी के IPO की लिस्टिंग के बाद की संभावनाओं को लेकर ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) के आंकड़े सामने आए हैं। GMP का मतलब होता है कि IPO के शेयर ग्रे मार्केट में कितने प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं। फिलहाल स्विगी के शेयरों का GMP 390 रुपये प्रति शेयर के आसपास चल रहा है, जो कि IPO के प्राइस बैंड से थोड़ा अधिक है। इसका मतलब यह हो सकता है कि लिस्टिंग के समय स्विगी के शेयर 390 रुपये के आसपास खुल सकते हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की स्थिति और प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इसमें उतार-चढ़ाव हो सकता है। स्विगी के मुकाबले जोमैटो का बाजार हिस्सेदारी बहुत बड़ी है, और उसकी तुलना में स्विगी को थोड़ा और वक्त चाहिए ताकि वह अपने घाटे को कम कर सके और लाभ में आए। ऐसे में लिस्टिंग के समय यह देखना होगा कि निवेशक इसके लिए कितनी प्रतिक्रिया देते हैं।
निवेशकों के लिए क्या करें?
स्विगी के आईपीओ में निवेश करने से पहले यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि आप किस उद्देश्य से निवेश कर रहे हैं – क्या आप शॉर्ट टर्म मुनाफा चाहते हैं या फिर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं? अगर आप शॉर्ट टर्म निवेशक हैं, तो आपको लिस्टिंग के समय शेयर के उतार-चढ़ाव का ध्यान रखना होगा। वहीं, लंबी अवधि के निवेशकों को कंपनी के विकास, घाटे में कमी, और भविष्य की योजनाओं पर नजर रखनी चाहिए। स्विगी की स्टॉक लिस्टिंग पर निवेशकों की उम्मीदें मिश्रित हैं।
कुछ को इसमें अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है, जबकि कुछ इसे एक थोड़ा जोखिम भरा निवेश मानते हैं। इस समय बाजार की हालत भी ध्यान में रखनी होगी, क्योंकि मौजूदा समय में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। स्विगी का आईपीओ निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण मौका हो सकता है, लेकिन इसे लेकर कुछ सतर्कता बरतने की भी आवश्यकता है। यदि आप इसे लंबे समय के लिए निवेश के तौर पर देखते हैं, तो यह आपके पोर्टफोलियो में अच्छा लाभ दे सकता है, बशर्ते कंपनी अपने घाटे को कम करने और राजस्व में वृद्धि करने में सफल रहे।