स्वच्छता अभियान बना मुसीबत, बनाने थे टॉयलेट पर गड्ढा खोदकर भूल गए अफसर

punjabkesari.in Thursday, Jun 01, 2017 - 01:12 PM (IST)

नई दिल्ली: स्वच्छता अभियान के लिए सरकार जहां एक तरफ लोगों को जागरूक कर रही है वहीं बस्तर के लोगों के लिए यह मुसीबत बन गया है। दरअसल स्वच्छता अभियान के तहत यहां गांव में 500 घरों में शौचालय बनाने की मुहीम थी। इसकी शुरुआत भी हुई लेकिन बस गड्ढे खोद कर छोड़ दिए गए। अभी तक शौचालय नहीं बन पाए हैं। एक साल से गांव के लोग सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हो पाई है।

कई बच्चे हो चुके हैं घायल
इन गड्ढो की वजह से कई हादसे हो चुके हैं। कहीं बच्चे गिरने की घटनाएं सामने आईं हैं तो कहीं गड्ढों में गिरने से मवेशियों की मौत हो गई। गांववालों की चिंता है कि बारिश के पहले अगर इन गड्ढों को नहीं भरा गया तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बस्तर की दरभा घाटी के दर्जनों गांव में प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान का जोर-शोर से प्रचार प्रसार हुआ लेकिन इसकी जल्द ही हवा निकल गई।

1 साल से लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर
इस गांव में रहने वाले लगभग 500 परिवारों का इन गड्ढों से बुरा हाल हुआ पड़ा है। पंचायक विभाग से लेकर कई सरकारी दफ्तरों तक चक्कर लगाए गए लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा। इन गड्ढों पर शौचालय कब खड़े होंगे इसका जवाब कोई अधिकारी नहीं दे पा रहा है। वहीं जब गांव वालों ने गड्ढे भरने की इजाजत मांगी तो पंचायत विभाग ने इसकी अनुमति नहीं दी क्योंकि सरकारी निर्देश और सरकारी भुगतान के जरिए ही इन गड्ढों को खोदा गया है। ऐसेे में गांववाले भी विवश हो गए हैं। हालांकि मवेशियों के मरने पर ग्रामीणों ने हर्जाने की मांग की है। गांव वालों से शौचाचल बनवाने के लिए 12 हजार रुपए देने की बात कही गई थीं लेकिन वो रकम भी उन्हें अब तक नहीं मिली।


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