चिंताजनकः फीस न भरने पर परीक्षा में नहीं बैठने दिया तो कक्षा 8वीं की Student ने कर ली आत्महत्या
punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2025 - 10:44 AM (IST)
नेशनल डेस्क। सूरत शहर के सचिन इलाके के गोडादरा स्थित आदर्श पब्लिक स्कूल में कक्षा 8 की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। छात्रा के परिजनों का आरोप है कि स्कूल ने फीस न भरने पर उसे परीक्षा में बैठने नहीं दिया और कक्षा के बाहर खड़ा करने की सजा दी जिससे आहत होकर उसने यह कदम उठाया।
मामला क्या है?
जानकारी के अनुसार मृतक छात्रा की पहचान भावना खटीक के रूप में हुई है। भावना राजस्थान के रहने वाले राजूभाई खटीक की बेटी थी जो सूरत के गोडादरा क्षेत्र स्थित प्रियंका नगर सोसायटी में अपने परिवार के साथ रहते थे। राजूभाई रिक्शा चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते थे। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा हैं।
भावना गोडादरा स्थित आदर्श पब्लिक स्कूल में 8वीं कक्षा की छात्रा थी। सोमवार को जब उसके माता-पिता काम पर गए थे तो भावना ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार सुबह जब परिजनों को यह खबर मिली तो वे चौंक गए।
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स्कूल ने परीक्षा से रोका
मृतक छात्रा के पिता राजू खटीक का कहना है कि जब उत्तरायण के पहले परीक्षा का समय था तो स्कूल ने उनकी बेटी को परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी। इसके अलावा स्कूल ने उसे कक्षा के बाहर खड़ा करने की सजा भी दी थी। राजू ने बताया कि घर आते ही भावना रोने लगती थी और स्कूल की इस सजा के कारण वह काफी परेशान हो गई थी।
राजू ने बताया, “जब मैंने स्कूल से बात की तो उन्होंने कहा कि फीस का भुगतान अभी करना होगा। मैंने अगले महीने फीस देने का प्रस्ताव रखा लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।” इसके बाद भावना ने स्कूल जाने से इंकार कर दिया और आहत होकर उसने आत्महत्या कर ली।
परिजनों ने स्कूल पर गंभीर आरोप लगाए
माता-पिता का आरोप है कि स्कूल द्वारा दी गई सजा के कारण उनकी बेटी मानसिक तनाव में थी और उसे स्कूल जाने से डर लगने लगा था। इसके कारण ही उसने आत्महत्या का कदम उठाया।
शिक्षा विभाग और पुलिस ने शुरू की जांच
छात्रा के माता-पिता द्वारा स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद शिक्षा विभाग और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने इस घटना के संदर्भ में मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
वहीं इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों में फीस के मुद्दे और छात्रों पर मानसिक दबाव डालने के सवालों को सामने ला दिया है।