सुप्रीम कोर्ट ने अबू सलेम की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से किया इनकार

punjabkesari.in Thursday, Jan 07, 2021 - 10:59 PM (IST)

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने 1993 के मुंबई विस्फोट मामले के दोषी और माफिया सरगना अबू सलेम की एक याचिका पर विचार करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। सलेम ने पुर्तगाल से प्रत्यर्पण की शर्तों का कथित उल्लंघन कर हिरासत में रखे जाने को चुनौती दी। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने मामले में एमिकस क्यूरी (अदालत का सहयोग करने वाले) नियुक्त किए गए अधिवक्ता विक्रांत यादव से कहा कि बेहतर होगा कि शीर्ष अदालत को बंबई उच्च न्यायालय के निष्कर्ष का लाभ मिले। 

पीठ ने कहा, ‘‘हम संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिका पर विचार करने को इच्छुक नहीं है। इसलिए संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उपयुक्त उच्च न्यायालय का रूख करने की छूट देते हुए यह याचिका खारिज की जाती है।'' आरंभ में यादव ने शीर्ष अदालत में दावा किया कि सलेम के प्रत्यर्पण की शर्तों का कई तरीके से उल्लंघन हुआ, इसलिए उसकी मौजूदा हिरासत अवैध है। उन्होंने कहा कि सलेम के प्रत्यर्पण के समय भारत ने पुर्तगाल को आश्वस्त किया था कि उसके खिलाफ मृत्युदंड या 25 साल से ज्यादा की सजा के आरोप नहीं लगाए जाएंगे लेकिन बाद में ऐसे आरोप जोड़े गए। 

यादव ने कहा कि लिस्बन की अदालत ने इन तथ्यों का पता चलने के बाद उसके प्रत्यर्पण को निरस्त कर दिया। वर्ष 2015 में टाडा की विशेष अदालत ने मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन की 1995 में हत्या के मामले में सलेम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सलेम ने मुंबई विस्फोट मामले में आरोप तय किए जाने को निचली अदालत में चुनौती दी थी और बाद में एक अपील दायर कर कहा कि प्रत्यर्पण की शर्तों का उल्लंघन हुआ। वर्ष 1993 में मुंबई में हुए विस्फोट में 257 लोगों की मौत हो गयी थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 


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Pardeep

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