माता-पिता के खिलाफ गया बेटा… सुप्रीम कोर्ट ने कहा- भरण-पोषण नहीं दोगे तो संपत्ति से बाहर जाओ
punjabkesari.in Saturday, Sep 27, 2025 - 07:46 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने बुजुर्ग दंपति कमलाकांत मिश्रा (80) और उनकी पत्नी (78) को बड़ा राहतभरा फैसला सुनाया। अदालत ने बेटे को मुंबई के दो कमरों के घर से बेदखल करने का आदेश दिया। यह वही बेटा है जिसने अपने ही माता-पिता को घर से बाहर कर दिया था और भरण-पोषण की जिम्मेदारी तक नहीं निभा रहा था।
हाईकोर्ट का फैसला पलटा
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें बेटे को राहत दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि बेटे की उम्र 60 पार होने की दलील यहां लागू नहीं होती। जब ट्रिब्यूनल में 2023 में केस दायर हुआ था, तब बेटा सिर्फ 59 साल का था।
ट्रिब्यूनल का आदेश बहाल
सुप्रीम कोर्ट ने जून 2024 में दिए ट्रिब्यूनल के आदेश को बहाल किया। इसमें बेटे को 30 नवंबर तक कमरे खाली करने और हर महीने 3,000 रुपए माता-पिता को भरण-पोषण के लिए देने को कहा गया था। अदालत ने जोर देकर कहा कि 2007 का अधिनियम बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए बना है और यदि बेटा या कोई रिश्तेदार उनका ख्याल नहीं रखता तो संपत्ति से हटाया जा सकता है।
यह है पूरा विवाद
मुंबई के यादव नगर और साकी नाका स्थित दो कमरे वाला घर पिता कमलाकांत मिश्रा के नाम पर थे। बेटे ने इन्हीं कमरों में कारोबार शुरू किया और माता-पिता को बाहर कर दिया। बेघर होकर दंपति को उत्तर प्रदेश लौटना पड़ा और उन्होंने ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की। हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने बेटे को राहत दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि बेटा अपने माता-पिता को घर से निकालकर खुद सुरक्षित नहीं रह सकता।