कारगिल युद्ध के हीरो की अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब...लोगों से पट गई पहाड़ी और सड़क

punjabkesari.in Friday, Apr 07, 2023 - 08:50 AM (IST)

नेशनल डेस्कः कारगिल युद्ध के हीरो वीर चक्र से सम्मानित सूबेदार मेजर त्सेवांग मुरोप लेह के पास 1 अप्रैल को एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। नायक सूबेदार के पार्थिव शरीर का गुरुवार को लेह में ही पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जब अंतिम संस्कार के लिए उन्हें ले जाया जा रहा था तो उनके सम्मान में पहाड़ी की पूरी सड़क सेना के जवानों और आम लोगों से पट गई। मुरोप के पिता अशोक च्रक विजेता नायब सूबेदार शीरिंग मोटुप ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
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वहीं लद्दाख स्काउट्स ने ट्वीट किया था, 'कल रात (शनिवार रात), हमने करगिल युद्ध के नायक एवं नायब सूबेदार छेरिंग मुटुप के बेटे सूबेदार मेजर त्सेवांग मुरोप को एक दुर्घटना में खो दिया।' वह किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौट रहे थे, तभी लेह के नीमो बाजगो इलाके में उनका वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। 
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उनके निधन पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और भारतीय सेना की सभी रैंक ने सूबेदार मेजर मुरोप के निधन पर शोक व्यक्त किया था। सेना के लेह स्थित 'फायर एंड फ्यूरी कोर' के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली ने मुरोप के परिवार से मुलाकात कर सेना की ओर से शोक व्यक्त किया था।

1999 में हुआ था कारगिल युद्ध 
कारगिल युद्ध 8 मई, 1999 और 26 जुलाई, 1999 के बीच पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ लड़ा गया था। जो 1998 की सर्दियों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करके भारतीय क्षेत्र में घुस गए थे और कई चौकियों पर कब्जा कर लिया था। युद्ध के दौरान, भारतीय सेना ने "ऑपरेशन विजय" के एक भाग के रूप में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ दिया था और टाइगर हिल व अन्य चौकियों पर फिर से कब्जा करने में सफल रही थी। 


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Content Writer

Pardeep

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