‘कफ सिरप कांड’: 19 मासूमों की मौत के बाद राज्यों की सख्ती, महाराष्ट्र-केरल-तमिलनाडु में बैन, यूपी-उत्तराखंड में जांच के आदेश
punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 11:27 PM (IST)

नेशनल डेस्कः देशभर में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला गंभीर रूप ले चुका है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में मासूमों की मौतों के बाद अब महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु ने इस सिरप पर पूरी तरह बैन लगा दिया है, जबकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों ने राज्यस्तरीय जांच और सैंपलिंग अभियान शुरू कर दिए हैं। सभी की निगाहें अब कांचीपुरम (तमिलनाडु) की उस फार्मा कंपनी M/s Sresan Pharmaceutical पर टिक गई हैं, जिसने यह जहरीला Coldrif Cough Syrup (बैच नंबर SR-13) तैयार किया था। प्रारंभिक जांच में इस सिरप में डाईएथिलीन ग्लाइकोल (Diethylene Glycol) नामक घातक रासायनिक तत्व पाया गया है, जो किडनी फेलियर और मल्टी-ऑर्गन डैमेज का कारण बनता है।
अब तक 19 बच्चों की मौत — 4 राज्यों में फैला खतरा
मध्य प्रदेश में अब तक 16 बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि राजस्थान में 3 बच्चों की मौत हुई है। सभी मामलों में बच्चों को पहले सर्दी-खांसी की समस्या थी और उन्हें स्थानीय क्लीनिकों या मेडिकल स्टोर्स से Coldrif Syrup दिया गया था।
इलाज के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और किडनी फेल होने से मौत हो गई।
महाराष्ट्र ने तुरंत लगाया बैन, कंपनियों पर सख्त कार्रवाई
महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने रविवार को Coldrif Syrup के बैच SR-13 की बिक्री, वितरण और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। राज्य सरकार ने सभी मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों को आदेश दिया है कि वे इस सिरप को वापस करें या नष्ट करें, और यदि यह सिरप किसी के पास है तो औषधि नियंत्रण अधिकारी को तुरंत सूचना दें।
FDA के अधिकारियों ने बताया कि जांच के लिए सिरप के सैंपल लैब में भेजे जा चुके हैं और रिपोर्ट आने के बाद निर्माता कंपनी पर FIR और लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई हो सकती है।
उत्तर प्रदेश में सैंपलिंग और जब्ती का अभियान
उत्तर प्रदेश ड्रग्स विभाग ने सभी जिलों के औषधि निरीक्षकों को कड़े निर्देश जारी किए हैं।
मुख्य बिंदु:
सभी फार्मा कंपनियों, मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों से Coldrif Syrup (बैच SR-13) के सैंपल एकत्र किए जाएं। एकत्रित सिरप को लखनऊ की राज्य प्रयोगशाला भेजा जाए। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि एक ही बैच नंबर का सैंपल बार-बार न लिया जाए — इसके लिए एक Google शीट ट्रैकिंग सिस्टम बनाया गया है। Propylene Glycol (सिरप में इस्तेमाल होने वाला बेस केमिकल) का भी नमूना लिया जाए ताकि मिलावट के स्तर का पता लगाया जा सके।
FSDA (Food Safety and Drug Administration) ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी जिले में Coldrif या Sresan Pharma की दवा पाई गई तो तुरंत जब्त की जाएगी। वहीं, UP मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन को निर्देश दिए गए हैं कि अगर उनके किसी गोदाम में यह दवा मौजूद है, तो उसे फौरन रोककर रिपोर्ट करें।
उत्तराखंड सरकार का सख्त निर्देश — “5 साल से कम बच्चों को सिरप न दें”
उत्तराखंड स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी-सर्दी की दवा न दी जाए। 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यह दवाएं केवल विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह पर और सीमित मात्रा में ही दी जाएं। सभी डॉक्टरों और फार्मासिस्टों को केंद्रीय दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। डॉ. कुमार ने कहा कि “ज्यादातर मामलों में बच्चों की खांसी-सर्दी अपने आप ठीक हो जाती है, इसलिए अनावश्यक रूप से सिरप का इस्तेमाल जानलेवा साबित हो सकता है।”
केरल-तेलंगाना में भी अलर्ट
केरल ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने Coldrif Syrup की बिक्री पर रोक लगाते हुए सभी मेडिकल स्टोर्स को इसे शेल्फ से हटाने का आदेश दिया है। वहीं, तेलंगाना ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन ने बैच नंबर SR-13 के लिए “Public Alert – Stop Use Notice” जारी किया है। एजेंसी ने चेतावनी दी कि यह सिरप DEG नामक जहरीले रसायन से संक्रमित है, जो गंभीर न्यूरोलॉजिकल और रीनल डैमेज कर सकता है।