खराब सड़कों के लिए ठेकेदारों पर होगी कड़ी कार्रवाई, 10 साल की गारंटी का नियम
punjabkesari.in Monday, Oct 28, 2024 - 02:14 PM (IST)
नेशनल डेस्क: देशभर में हाल ही में आई भारी बारिश ने सड़कों की स्थिति को अत्यधिक खराब कर दिया है, जिससे केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए, सरकार ने ठेकेदारों की जिम्मेदारियों को बढ़ाने और सड़कों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है।
10 साल की गारंटी का नया नियम
सरकारी सूत्रों के अनुसार, सड़क निर्माण के ठेकेदारों को अब सड़कों की गुणवत्ता की गारंटी 5 साल से बढ़ाकर 10 साल देने का आदेश दिया जाएगा। इस नए नियम का उद्देश्य ठेकेदारों पर दबाव डालना है ताकि वे उच्च गुणवत्ता की सड़कें बनाएं। वर्तमान में, निर्माण के बाद सड़क की देखरेख का जिम्मा सरकार के पास चला जाता है, जिससे ठेकेदारों में लापरवाही का भाव आ जाता है। अगर ठेकेदार गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखते हैं, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
ठेकेदारों की जवाबदेही बढ़ाई जाएगी
सरकार ने तय किया है कि खराब सड़कों का निर्माण करने वाले ठेकेदारों की एक सूची तैयार की जाएगी, ताकि उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जा सके। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कई बार ठेकेदार बिना किसी जिम्मेदारी के काम करते हैं और सरकारी धन का दुरुपयोग करते हैं। इस संदर्भ में, ठेकेदारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान भी किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्वीकार किया है कि ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) मॉडल के तहत बनी सड़कों की गुणवत्ता में कमी आई है। उन्होंने यह भी कहा कि अब ठेकेदारों को गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण सुनिश्चित करना होगा।
मॉनिटरिंग में सुधार
टोल रोड की गुणवत्ता सामान्यतः बेहतर रहती है, लेकिन वहां भी उचित मॉनिटरिंग की कमी के कारण समस्याएं आती हैं। सरकार ने ठेकेदारों पर जुर्माना लगाने और आवश्यक कार्रवाई करने की योजना बनाई है। खासकर, टोल रोड पर यदि सड़कों की स्थिति खराब होती है, तो सरकार ने ठेकेदारों की जिम्मेदारी बढ़ाने का निर्णय लिया है। सड़कों की गुणवत्ता में सुधार के लिए निगरानी को और सख्त किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ठेकेदार समय पर मरम्मत और रखरखाव करते रहें।
सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या
खराब सड़कों और गलत इंजीनियरिंग डिजाइनों के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। हर साल भारत में लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें से आधे से अधिक युवा आयु वर्ग के लोग शामिल होते हैं। सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 4,61,312 सड़क हादसे हुए, जिनमें 1,68,491 लोगों की जान गई और 4,43,366 लोग घायल हुए। सरकार का मानना है कि सड़कों की गुणवत्ता में सुधार करके इन हादसों की संख्या को कम किया जा सकता है, क्योंकि सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश की जीडीपी का लगभग 3 प्रतिशत नुकसान होता है।
नितिन गडकरी की आलोचना
हाल ही में मानसून के कारण कई सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के मामले में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की आलोचना भी हुई। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और जयपुर-दिल्ली हाईवे पर कई स्थानों पर सड़कों की स्थिति अत्यंत खराब हो गई। यहां तक कि उत्तर प्रदेश और बिहार में ऐसे मामले सामने आए जहां उद्घाटन के कुछ ही दिनों बाद सड़कें उखड़ गईं। इस स्थिति के लिए गडकरी को सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ा, और कई मीम्स भी बनाए गए। उन्होंने ठेकेदारों की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि वे ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
भविष्य की योजनाएं
सरकार का यह प्रयास है कि आने वाले समय में सड़क निर्माण की गुणवत्ता में सुधार हो और ठेकेदारों की लापरवाही पर काबू पाया जा सके। इसके लिए ठेकेदारों को उच्च मानकों का पालन करना होगा, अन्यथा उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही, जनता के बीच जागरूकता बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है, ताकि लोग सड़क दुर्घटनाओं और खराब सड़कों के बारे में अधिक सजग रहें। सरकार अब सड़कों की गुणवत्ता को प्राथमिकता दे रही है और ठेकेदारों को जवाबदेह ठहराने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठा रही है। आशा है कि इन उपायों से सड़कों की स्थिति में सुधार होगा और सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी, जिससे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।