आवारा कुत्तों को भी जीने का अधिकार है : SC

punjabkesari.in Tuesday, Jan 17, 2017 - 07:38 PM (IST)

नई दिल्ली : देश भर में आवारा कुत्तों को पूरी तरह नष्ट करने जैसी दलील दिए जाने पर आज उच्चतम न्यायालय ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि आवारा कुत्तों को भी जीने का अधिकार है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने टिप्पणी की कि आवारा कुत्तों को मारने की अनुमति है परंतु इसमें भी संतुलन बनाने और इसके लिए उचित तरीके की आवश्यकता है। इसी दौरान जब एक याचिकाकर्ता ने कहा कि वह चाहता है कि पूरे देश में ऐसे कुत्तों का ‘‘पूरी तरह सफाया’’ कर दिया जाए इस पर न्यायालय ने टिप्पणी की, ‘‘कोई भी पूरी तरह आवारा कुत्तों का सफाया नहीं कर सकता।

शीर्ष अदालत केरल और मुंबई में विभिन्न स्थानीय निकायों द्वारा आवारा कुत्तों, जो एक समस्या बन गए हैं, को मारने के बारे में दिए गए तमाम आदेशों से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि केरल में यह मानवीय चिंता का विषय था परंतु इसके लिए सभी कुत्तों का नहीं मारा जा सकता। पीठ को यह भी सूचित किया गया कि केरल उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जगन की अध्यक्षता वाली समिति को कुत्तों के काटने से संबंधित करीब 400 मामले मिले हैं और वह इन पर काम कर रही है।

एक वकील ने जब यह कहा कि केरल में कुत्तों के कारण से लोगों की मौत हो गई है और इस समस्या की वजह से बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं तो पीठ ने कहा कि किसी मैदान या स्कूल में कुछ आवारा कुत्तों के होने की वजह से उन्हें मारा नहीं जा सकता है।


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