क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' के जान हथेली पर रखने वाले जवानों को मिलेगा खास सम्मान और पैसा? जानिए सेना के अंदर की बात
punjabkesari.in Wednesday, May 07, 2025 - 04:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारत ने करारा जवाब दिया है। जब पूरा देश गहरी नींद में सोया था तब भारतीय वायुसेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम देते हुए पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर समेत आतंकियों के कई लॉन्च पैड को पल भर में राख कर दिया। इस स्पेशल ऑपरेशन में भारतीय सेना ने 9 ठिकानों को निशाना बनाया जहां कई आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने रात 1:44 बजे इस ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए बताया कि IAF ने जैश और लश्कर के ठिकानों पर मिसाइल हमला किया। अब सवाल उठता है कि क्या ऐसे खतरनाक स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देने वाले सेना के जवानों को अलग से पैसे मिलते हैं? क्या इसके लिए कोई स्पेशल अलाउंस होता है? आइए जानते हैं...
मिशन सिंदूर: आतंकियों के अड्डे तबाह
पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत PoK में जैश के 4, लश्कर के 3 और हिज्बुल के 2 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। शुरुआती जानकारी के अनुसार जब यह हमला हुआ तब इन ठिकानों पर 900 से ज्यादा आतंकी मौजूद थे। भारतीय वायुसेना ने यह हमला SCALP मिसाइल के जरिए किया जो हवा से जमीन पर सटीक निशाना साधने वाली एक डीप-स्ट्राइक क्रूज मिसाइल है।
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स्पेशल ऑपरेशन, स्पेशल जवान और स्पेशल पैसे
दुश्मन के घर में घुसकर स्पेशल ऑपरेशन चलाने वाले सैनिकों को निश्चित रूप से अलग से भत्ते और सम्मान मिलते हैं। भारतीय सेना में सैनिकों को उनकी पोस्टिंग और खतरे के स्तर के अनुसार स्पेशल अलाउंस दिया जाता है। वहीं ऐसे जोखिम भरे स्पेशल ऑपरेशन की जिम्मेदारी विशेष सैन्य बलों जैसे पैरा एसएफ और गरुड़ कमांडो को सौंपी जाती है।
इन जांबाज जवानों को भारतीय सेना विशेष अभियानों के लिए स्पेशल अलाउंस देती है जो उनकी पोस्टिंग और मिशन के रिस्क लेवल के आधार पर तय किए जाते हैं। इसके अलावा स्पेशल ऑपरेशन में शामिल होने वाले जवानों को उनकी बहादुरी और सफलता के लिए प्रमोशन और रैंक में भी तरक्की मिलती है जिसके अनुसार उनके भत्तों में भी वृद्धि होती है। यह किसी सामान्य सैनिक को मिलने वाले भत्तों से अलग और कहीं अधिक होता है। 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे मिशनों में अपनी जान जोखिम में डालकर देश की रक्षा करने वाले इन वीरों को न केवल वित्तीय रूप से सम्मानित किया जाता है बल्कि उन्हें राष्ट्र का गौरव भी माना जाता है।