शोक की खबर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक का निधन, इन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे
punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 10:53 AM (IST)
नेशनल डेस्क। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट से विधायक सुधाकर सिंह का आज सुबह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह महज 58 वर्ष के थे और लंबे समय से लीवर (यकृत) और किडनी (गुर्दा) संबंधी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से समाजवादी पार्टी और उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई है।
बेबाक अंदाज और संघर्षपूर्ण राजनीतिक सफर
सुधाकर सिंह अपनी हाजिरजवाबी, बेबाक अंदाज और जनता के बीच गहरी पैठ के लिए जाने जाते थे। उनकी राजनीतिक यात्रा बेहद रोचक और संघर्षपूर्ण रही। वह कुल तीन बार सपा के विधायक रहे। उन्होंने एक बार मधुबन और दो बार घोसी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया।
सुधाकर सिंह को जनता की आवाज उठाने के लिए जाना जाता था। इसी जुझारूपन के कारण उन पर दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हुए और वे दर्जनों बार जेल भी गए। दिल्ली में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की पत्नी को आशीर्वाद देकर लौटते समय उनकी तबीयत बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां दो दिन बाद उनका निधन हो गया।

जब मुलायम सिंह यादव से भी भिड़ गए
सुधाकर सिंह का जुझारूपन केवल विरोधियों के खिलाफ ही नहीं था बल्कि सिद्धांतों की खातिर वह अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से भी भिड़ने से नहीं चूके। 2017 विधानसभा चुनाव: सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने घोसी सीट से उनका टिकट काट दिया था। टिकट कटने से नाराज सुधाकर सिंह ने बगावत का झंडा बुलंद किया और पार्टी के खिलाफ निर्दल चुनाव लड़ा। बाद में मुलायम और अखिलेश खेमे में सुलह होने पर वह फिर से सपा में लौट आए। यह घटना उनकी सिद्धांतों की राजनीति और जुझारूपन का सबसे बड़ा प्रमाण मानी जाती है।
2023 उपचुनाव में ऐतिहासिक जीत
सुधाकर सिंह को उनकी सबसे बड़ी और यादगार जीत 2023 के घोसी उपचुनाव में मिली थी। यह उपचुनाव 2022 में सपा विधायक रहे दारा सिंह चौहान के इस्तीफे और भाजपा में शामिल होने के कारण हुआ था। भाजपा ने दारा सिंह चौहान को दोबारा मैदान में उतारा और योगी सरकार ने इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी।

हालांकि सुधाकर सिंह ने अखिलेश यादव के समर्थन और अपने जनता के मजबूत आधार के दम पर मुकाबला किया और दारा सिंह चौहान को लगभग 50,000 वोटों के भारी अंतर से हराया। इस जीत को योगी सरकार के लिए एक करारा तमाचा माना गया था और इसी ऐतिहासिक जीत के बाद उन्हें पूर्वांचल में 'शेर-ए-घोसी' कहा जाने लगा।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि, "सुधाकर भाई हमारे परिवार के सदस्य थे। उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती। सपा ने एक महान योद्धा खो दिया है।" सुधाकर सिंह का पार्थिव शरीर आज शाम उनके गृह क्षेत्र घोसी लाया जाएगा, जहां कल सुबह उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
