बेटे के बोर्ड में आए 60% मार्क्स, मां का लिखा भावुक पोस्ट सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
punjabkesari.in Thursday, May 09, 2019 - 03:09 PM (IST)
नई दिल्लीः बच्चों के बोर्ड के रिजल्ट आने शुरू हो गए हैं। इस बार बोर्ड के रिजल्ट काफी अच्छे आ रहे हैं, किसी के 99% मार्क्स तो किसी को 97% अंक हासिल किए हैं। इसी बीच एक मां का अपने बेटे के लिए भावुक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दिल्ली की रहने वाली वंदना सूफिया कटोच के बेटे के 10वीं बोर्ड परीक्षा में केवल 60 प्रतिशत नंबर आए हैं...पर इसके लिए भी खुशियां मना रही है और अपने बेटे पर गर्व महसूस कर रही हैं।
ये लिखा फेसबुक पोस्ट में
वंदना ने अपने बेटे के लिए फेसबुक पेज पर पोस्ट लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके बेटे के 10वीं बोर्ड परीक्षा में 60 प्रतिशत नंबर आए हैं...पर मैं अपने बेटे में काफी गर्व महसूस कर रही हूं। उन्होंने लिखा कि मैं जानती हूं कि यह 90 प्रतिशत मार्क्स नहीं हैं, लेकिन बेटे के लिए मेरी भावनाएं नहीं बदली हैं। वंदना सूफिया ने लिखा कि मैंने अपने बेटे को कुछ विषयों के लिए संघर्ष करते देखा जब वो हार मान चुनका था लेकिन फिर उसने आखिरी महीने में सभी को उसने आधा-आधा दिया और आज देखो तुमने हासिल कर लिया। वंदना कटोच ने लिखा बेटा आमेर- जैसे मछलियों से पेड़ों पर चढ़ने की अपेक्षा की जाती है लेकिन उसके ठीक उलट तुम अपने ही दायरे की भीतर ही एक बड़ी उपलब्धि हासिल करो, तुम मछली की तरह पेड़ पर तो नहीं चढ़ सकते, लेकिन बड़े समुद्र को अपना लक्ष्य बना सकते हो। मेरा प्यार तुम्हारे लिए, अपने भीतर सहज अच्छाई, जिज्ञासा और ज्ञान को हमेशा जीवित रखना।
वंदना के इस पोस्ट को 10 हजार से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं और 1 हजार से ज्यादा इस पर कमेंट आए हैं व पांच हजार से ज्यादा लोग इसे शेयर कर चुके हैं। दरअसल वंदना ने कहा कि उन्होंने यह पोस्ट इसलिए लिखा ताकि उनके बेटे का मनोबल क न हो। लोग इस पोस्ट पर प्रितिर्किया दे रहे हैं कि आपका यह पोस्ट सच में भावुक करने वाला है। बच्चों के लिए हर माता-पिता की सोच ऐसी ही होनी चाहिए। जो बच्चों को समझें और उनको मोटिवेट करें। बता दें, पिछले साल भी एक पिता ने बेटे के फेल होने पर मिठाइयां बांटीथीं, पटाखे जलाए और मोहल्ले को पार्टी दी थी। मध्यप्रदेश बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में उनका बेटे फेल हो गया था। जब पिता को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने जबरदस्त पार्टी करने का ऐलान कर दिया क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि बच्चे पर कोई असर पड़े और वह डर से कोई गलत कदम उठा ले।