''कुछ लोग देवी-देवताओं के खिलाफ टिप्पणी को जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं'', CM Yogi ने किसे दी चेतावनी

punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2024 - 11:10 PM (IST)

नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिंदू धर्म किसी का अंत नहीं चाहता। वह‘अहिंसा परमो धर्म:'की बात कहता है, लेकिन वह‘धर्म हिंसा तथैव च...'की भी बात करता है यानी अहिंसा परम धर्म है, लेकिन राष्ट्र-धर्म की रक्षा और निर्दोषों को बचाने के लिए हिंसा करनी पड़े तो यह धर्मसम्मत मान्य है। यह आह्वान भारत का शास्त्र करता है। स्वामी प्रणवानंद ने भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना के समय भी यही आह्वान किया था। योगी आदित्यनाथ भारत सेवाश्रम संघ सिगरा में श्री श्री दुर्गा पूजा समारोह में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने यहां मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की और महिलाओं को 100 सिलाई मशीन का भी वितरण किया। उन्होंने कहा कि‘अहिंसा परमो धर्म:'का पक्ष कहता है कि हम सेवा के कार्य से जुड़ें। दीन-दुखियों की सेवा के लिए जीवन समर्पित करें, लेकिन एकता-अखंडता को कोई चुनौती देगा और सीमाओं का अतिक्रमण करेगा तो राष्ट्र की सुरक्षा-संप्रभुता, देश की रक्षा के लिए धर्म सम्मत हिंसा के पक्षधर भी हैं, जो जनता को सुरक्षा प्रदान कर सके और भारत को एक भारत-श्रेष्ठ भारत रख सके।  

योगी ने कहा कि हर लोककल्याण के लिए हर जाति, मत, मजहब से जुड़े महापुरुषों का सम्मान होना चाहिए। कोई व्यक्ति किसी महापुरुष, योगी-सन्यासी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करता है तो वह दंड का भागी बनता है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन विरोध का मतलब तोड़फोड़ या लूटपाट नहीं है। यह कतई स्वीकार नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि एक तबका हिंदू धर्म के देवताओं के खिलाफ अपमान जनक टिप्पणी, महापुरुषों को अपमानित व मूर्तियों को खंडित करना जन्मसिद्ध अधिकार समझ लेता है। यदि किसी के द्वारा विद्वेष में कोई शब्द कहे जाते हैं तो उसे लेकर जमीन-आसमान एक करने का कुत्सित प्रयास होता है।

सीएम ने आगाह किया कि कानून को हाथ में लेने का दुस्साहस न करें। ऐसा करने वालों को कानून की गिरफ्त में आना ही होगा। अराजकता को बढ़ावा देने वाले से कानून सख्ती से पेश आएगा। सीएम योगी ने कहा कि हर मत, पंथ व संप्रदाय की आस्था का सम्मान है, लेकिन कानून को हाथ में लाने की स्वतंत्रता नहीं होगी। बाधा डालने वाले कीमत चुकानी पड़ेगी। 

योगी ने कहा कि शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा के पूजन का अनुष्ठान है। पूरे देश में यह आयोजन हर्षोल्लास से हो रहा है। जिस बंगाल में जगतजननी मां भगवती के अनुष्ठान का शुभारंभ होता है, उस बंगाल में आज सनातन धर्म असहाय व असुरक्षित दिखता है। बंगाल राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत देने वाली भूमि है। भारत के बौद्धिक आधार देने वाली भूमि है। आजादी में तमाम महापुरुषों को देने वाली भूमि है। जिस बंगाल ने जगदीश चंद्र बसु, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, स्वामी प्रणवानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसा सपूत भारत माता को प्रदान किया। आज उस बंगाल में क्या हो रहा है। वहां पर्व-त्योहार मनाने के लिए दस बार सोचना पड़ रहा है तो वहीं यूपी में हर्षोल्लास से त्योहार मनाए जा रहे हैं। कोई विघ्न डालने की कोशिश करता है तो उसको तुरंत ठीक कर दिया जाता है।


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Content Writer

Yaspal

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