अगर आप Paracetamol लेते हैं तो यह खबर जरूर पढ़ें - संसद में सामने आई बड़ी सच्चाई
punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 08:12 AM (IST)

नेशनल डेस्क: देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली दवा पैरासिटामोल को लेकर बीते कुछ समय से सोशल मीडिया और कुछ खबरों में भ्रम की स्थिति बन गई थी। कई लोग यह मान बैठे थे कि सरकार ने इस आम बुखार और दर्द की दवा पर किसी तरह का प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन संसद में दिए गए केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के बयान ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।
सरकार ने किया साफ – पैरासिटामोल पर कोई बैन नहीं
केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को लोकसभा में स्पष्ट किया कि पैरासिटामोल पर देश में कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। मानसून सत्र के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) को इस दवा को प्रतिबंधित करने से जुड़ी कोई सूचना नहीं मिली है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी इन अफवाहों को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
कुछ संयोजन दवाओं पर है रोक, पर पैरासिटामोल नहीं शामिल
हालांकि मंत्री ने यह स्वीकार किया कि पैरासिटामोल के साथ मिलने वाले कुछ फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन स्वतंत्र रूप से मिलने वाली पैरासिटामोल दवा पूरी तरह वैध और उपलब्ध है।
सरकारी अस्पतालों में फ्री दवाओं की सुविधा
अनुप्रिया पटेल ने यह भी जानकारी दी कि सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत मुफ्त दवा वितरण योजना चला रही है, जिससे आम जनता को सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी दवाएं मुफ्त में मिलें।
इस योजना के तहत:-
राज्यों को दवा खरीद और वितरण के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। DVDMS (Drugs and Vaccine Distribution Management System) के जरिए दवाओं की उपलब्धता पर डिजिटल नजर रखी जाती है।
हर स्तर के अस्पतालों के लिए तैयार है जरूरी दवाओं की सूची-
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के विभिन्न स्तरों के स्वास्थ्य केंद्रों के लिए आवश्यक दवाओं की सूची तय की है। उदाहरण के लिए:
उप-स्वास्थ्य केंद्र: 106 दवाएं
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र: 172 दवाएं
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र: 300 दवाएं
उप-जिला अस्पताल: 318 दवाएं
जिला अस्पताल: 381 दवाएं
राज्य सरकारें स्थानीय जरूरतों के अनुसार इसमें बदलाव कर सकती हैं।
दवा वितरण को बेहतर करने की दिशा में अहम कदम
मेडिकल स्टोर्स ऑर्गनाइजेशन (MSO) और सरकारी मेडिकल स्टोर डिपो (GMSD) ने 697 दवाओं के लिए रेट कॉन्ट्रैक्ट किए हैं, जिससे उनकी कीमतें नियंत्रित रहें और आपूर्ति नियमित हो।
देशभर में 1,152 पंजीकृत इंडेंटर्स हैं जो साल में चार बार दवाओं की मांग कर सकते हैं।