कभी देखें हैं इतने छोटे मेंढक, अंगूठे जितना है इनका आकार

punjabkesari.in Wednesday, Feb 22, 2017 - 03:50 PM (IST)

नैशनल डैस्क: मेंढक वैसे तो बरसात के मौसम में देखने को मिलते हैं लेकिन इन दिनों केरल और तमिलनाडु के जंगलों में मिले चार नए और छोटे मेंढक चर्चा में हैं। दरअसल ये इतने छोटे हैं कि आपके अंगूठे के नाखून पर बैठ जाएंगे। दुनिया के सबसे छोटे मेंढकों की श्रेणी में आने वाले ये मेंढक जमीन पर रहते हैं और रात में कीट-पतंगों जैसी आवाजें निकालते हैं। पश्चिमी घाट के जंगलों में इनके अलावा तीन बड़ी प्रजातियों के मेंढक भी मिले हैं। इस तरह रात को पाए जाने वाले मेंढकों की संख्या सात हो गई है।भारत के पश्चिमी तट के समानांतर चलने वाली पर्वत श्रृंखलाओं में सैंकड़ों की तादाद में ऐसे दुर्लभ प्रजाति के पौधों और जन्तुओं की भरमार है लेकिन इनका जीवन खतरे में है।
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कई सालों की खोज के बाद मिली ये नई प्रजातियां
दिल्ली विश्वविद्यालय की सोनाली ग्रेग के मुताबिक "ये नन्हें मेंढक सिक्के या अंगूठे के नाखून पर भी बैठ सकते हैं।" बकौल सोनाली वह नए जीवों को तलाश रही वैज्ञानिकों की खोजी टीम का हिस्सा है। वह बताती है कि ये नन्हें मेंढक इतनी अधिक तादाद में मिले हैं कि हम हैरान हैं। उन्होंने बताया कि ये आकार में छोटे, एकांतप्रिय और कीटों की तरह आवाज निकालने में माहिर हैं इशलिए इतने समय तक नजरअंदाज होते रहे हैं। रात में पाए जाने वाले मेंढकों का समूह निक्टीबाट्रेचस नाम से जाना जाता है।
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इस समूह में पहले से 28 मान्यता प्राप्त प्रजातियां हैं इनमें से तीन का आकार 18 मिमी से भी कम है। शोध का नेतृत्व करने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसडी बीजू ने भारत में उभयचरों की 80 से अधिक नए नस्लों की खोज की है। वे बताते हैं, "पश्चिमी घाट पर पाए जाने वाले मेढकों में से एक तिहाई, यानी लगभग 32 फीसदी से अधिक मेंढक पहले से खतरे में हैं। नई मिली सात प्रजातियों में से पांच पर गंभीर खतरा है. उन्हें तुरंत संरक्षण देने की जरूरत है।"


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