ममता हुई शर्मसार: जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद मां अस्पताल से फरार, 12 दिन बाद दोनों की मौत
punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 05:27 AM (IST)

नेशनल डेस्कः मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। जानकारी के मुताबिक 9 जुलाई को मैहर के ककड़ा गांव निवासी आंचल शुक्ला (30) ने सतना जिला अस्पताल में दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। नवजातों की हालत गंभीर होने पर उन्हें तुरंत SNCU (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) में भर्ती कराया गया। कुछ ही देर में आंचल बिना किसी सूचना के अस्पताल से गायब हो गई, जिससे अस्पताल प्रशासन ने दर्दनाक हालत में पुलिस को सूचना दी।
पुलिस जांच और जल्दबाजी
लगभग 12 दिन बाद पुलिस ने आंचल को ढूंढ निकाला, लेकिन तब तक इलाज के दौरान दोनों नवजातों की मौत हो चुकी थी। शवों को आज परिजनों को सौंपा गया; वहीं, अब पुलिस इन तमाम सवालों की जांच कर रही है कि आखिर क्यों मां ने नवजातों को अकेला छोड़ दिया।
सतना में यह पहला मामला नहीं
सामान्यता के अन्य मामलों से यह निरंतर गिरावट स्पष्ट होती है:
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दिसंबर 2023 में नवजात बेटी अस्पताल की टॉयलेट सीट पर मिली थी, मां गायब थी।
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नवंबर 2022 में एक अन्य नवजात को अस्पताल में छोड़कर उसकी मां फरार हो गई थी।
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अप्रैल 2022 में एक नवजात को नाले में फेंक दिया गया था, जिसमें चीटियों द्वारा काट लिए जाने और भूख से मौत हुई थी।
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जून 2025 में, सतना की एक नवजात को सूखे कुएँ में फेंका गया, लेकिन उसे समय रहते बचा लिया गया था।
स्वास्थ्य व्यवस्था में खोखली संरचना
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तनिक भी लापरवाही की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन SNCU और प्रसूति कक्षों में जेहाद की कमी की वजह से नवजातों की देखभाल में कमी पर सवाल उठते हैं।
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मध्यप्रदेश इस मामले में अव्वल—2019 से 2022 तक प्रति वर्ष लगभग 159–187 नवजात परित्याग की घटनाएं हुईं, जिसमें 187 नवजात को कचरे में फेंका गया (Chhindwara), यह प्रदेश में सबसे ज्यादा था।
पुलिस जांच के सवाल
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क्या आंचल पर पारिवारिक या वित्तीय दबाव था?
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क्या अस्पताल ने समय पर उपचार, सीसीटीवी निगरानी, और मरीज के लिए सुविधा में कमी रखी?
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क्या यह केवल व्यक्तिगत मामला था या सतना में उत्पन्न हुई स्वास्थ्य प्रशासन की ग़लतियों का परिणाम?
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क्या नवजातों के इलाज में देरी या जिम्मेदारी निपटान की प्रक्रिया प्रभाव डाल रही है?