‘अपना ईमान बेच गई’... Babita Phogat का Sakshi Malik पर तीखा पलटवार

punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2024 - 02:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हाल ही में ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने अपनी आत्मकथा ‘विटनेस’ में कुछ ऐसे सवाल उठाए हैं, जिनसे खेल जगत में हंगामा मच गया है। साक्षी ने एक साक्षात्कार में आरोप लगाया कि बबीता फोगाट कुश्ती महासंघ की अध्यक्ष बनने की इच्छा रखती हैं। इस बयान पर बबीता फोगाट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर साक्षी मलिक पर तीखा पलटवार किया है।

साक्षी मलिक के विवादास्पद दावे
साक्षी मलिक ने अपनी किताब में बबीता के बारे में कुछ ऐसे दावे किए हैं, जो न केवल व्यक्तिगत रिश्तों को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि भारतीय कुश्ती में चल रही राजनीति का भी हिस्सा बन गए हैं। साक्षी के अनुसार, बबीता फोगाट कुश्ती महासंघ के शीर्ष पद पर बैठने की ख्वाहिश रखती हैं, जोकि उनके लिए एक बड़ा विवाद बन गया है। 

बबीता फोगाट का जवाब
बबीता फोगाट ने साक्षी के इस आरोप का कड़ा जवाब देते हुए लिखा, “खुद के किरदार से जगमगाओ, उधार की रोशनी कब तक चलेगी। किसी को विधानसभा मिला, किसी को मिला पद, दीदी तुमको कुछ न मिला, हम समझ सकते हैं तुम्हारा दर्द। किताब बेचने के चक्कर में अपना ईमान बेच गई।” इस बयान में बबीता ने साक्षी के इरादों पर सवाल उठाया और उनकी व्यक्तिगत स्थिति का भी जिक्र किया।

महावीर सिंह फोगाट की प्रतिक्रिया
इस बीच, बबीता के पिता महावीर सिंह फोगाट ने भी इस विवाद पर अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि साक्षी मलिक के आरोपों के पीछे प्रियंका गांधी और दीपेंद्र हुड्डा का हाथ है। महावीर सिंह ने कहा, “पहलवानों के धरना प्रदर्शन में तो मैं भी गया था। लेकिन यह सब राजनीतिक मंशा के तहत हो रहा है। अब चुनाव भी हो चुके हैं। बबीता को इन लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए बुलाया था।” उन्होंने स्पष्ट किया कि बबीता का बृजभूषण शरण सिंह से कोई वास्ता नहीं है और यह सब राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया गया था। महावीर ने यह भी कहा कि बबीता ने समझौते की कोशिश की थी, लेकिन उन प्रयासों को दरकिनार कर दिया गया।

समझौते की कोशिशों की चर्चा
महावीर सिंह ने आगे बताया कि बबीता ने आंदोलन के दौरान कई बार समझौते की कोशिश की थी, खासकर बृजभूषण शरण सिंह के मामले में। उन्होंने कहा, “बबीता का प्रयास था कि समस्या का समाधान हो जाए, लेकिन वह सफल नहीं हो पाईं। अब ये लोग अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं।” इस टिप्पणी से यह स्पष्ट होता है कि बबीता और साक्षी के बीच का यह विवाद केवल व्यक्तिगत मतभेद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक राजनीतिक परिदृश्य का हिस्सा है। बबीता ने प्रयास किया कि यह मुद्दा शांत हो जाए, लेकिन राजनीतिक खेल ने इसे और जटिल बना दिया।

खेल जगत पर प्रभाव
यह घटनाक्रम खेल जगत में एक नई बहस का जन्म दे रहा है। साक्षी मलिक और बबीता फोगाट दोनों ही भारतीय कुश्ती की प्रमुख खिलाड़ी हैं, और उनके बीच का यह विवाद न केवल उनके व्यक्तिगत संबंधों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यह भारतीय कुश्ती के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है। साक्षी के आरोप और बबीता की प्रतिक्रिया ने यह दर्शा दिया है कि भारतीय कुश्ती में सिर्फ खेल का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक राजनीतिक अखाड़ा भी बन गया है। इस विवाद के चलते, अब खिलाड़ियों की स्थिति और उनकी राजनीतिक भागीदारी पर सवाल उठने लगे हैं। कुल मिलाकर, यह विवाद दर्शाता है कि खेल की दुनिया में व्यक्तिगत और राजनीतिक हितों के बीच का संतुलन कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। साक्षी मलिक और बबीता फोगाट दोनों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे चलकर यह विवाद किस दिशा में बढ़ता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Mahima

Related News