Shashi Tharoor का ट्रंप को जवाब: ''अवैध प्रवासियों को सैन्य विमान से न भेजें, सम्मानजनक तरीके से वापस भेजें
punjabkesari.in Thursday, Feb 06, 2025 - 10:54 AM (IST)
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नेशनल डेस्क: 5 फरवरी 2025 को एक अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर 104 भारतीय नागरिकों को उतारकर वापस अमेरिका चला गया। ये सभी लोग अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे और डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिकी सरकार ने अवैध प्रवासियों पर अपनी सख्त नीति लागू की थी, जिसके तहत उन्हें अपने देशों में वापस भेजा जा रहा है। इस घटनाक्रम ने भारतीय राजनीति में उबाल ला दिया है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि इन अवैध भारतीय प्रवासियों को न सिर्फ हथकड़ी पहनाकर भेजा गया, बल्कि सैन्य विमान के जरिए भेजा गया, जो कि पूरी तरह से अपमानजनक और अनुचित था।
इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद और विदेश मामलों की संसदीय समिति के चेयरमैन शशि थरूर ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को इन अवैध भारतीय नागरिकों को वापस भारत भेजने का पूरा अधिकार है, क्योंकि वे अवैध रूप से वहां रह रहे थे, लेकिन इस तरह का असम्मानजनक व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए था। थरूर ने कहा, “मैंने सुना कि उन्हें सैन्य विमान से वापस भेजा गया, और यह बिल्कुल गलत था। अमेरिका को इन लोगों को वापस भेजने का अधिकार है, लेकिन इन्हें सैन्य विमान से भेजना या हथकड़ी पहनाना ठीक नहीं है।”
शशि थरूर ने यह भी कहा कि इन नागरिकों को किसी तरह के अपराधी के रूप में पेश नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इनका केवल यही दोष था कि वे अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे। थरूर ने भारत सरकार से अपील की कि वह अमेरिका से बातचीत करके यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में इस तरह के नागरिकों को सम्मानजनक तरीके से वाणिज्यिक उड़ानों के जरिए भेजा जाए, न कि सैन्य विमान का उपयोग किया जाए। उन्होंने आगे कहा, “इन लोगों को बेड़ियां या हथकड़ी पहनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। ये अपराधी नहीं हैं। इनकी गलती केवल यह है कि वे अमेरिका में अवैध तरीके से प्रवेश कर गए थे। अब जब वे हमारे देश वापस आ रहे हैं, तो उन्हें सम्मान के साथ भेजा जाना चाहिए।”
इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि अगर भारत सरकार इस मामले में गंभीर है, तो उसे अमेरिका से संवाद कर इन भारतीय नागरिकों के साथ बेहतर व्यवहार करने के लिए कहे। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे भारत की अस्मिता और मानवाधिकारों से जुड़ा मुद्दा बताया। यह घटना भारत और अमेरिका के आपसी संबंधों में एक और जटिलता पैदा कर सकती है, जहां एक ओर भारत को अमेरिकी आव्रजन नीतियों से कोई आपत्ति नहीं है, वहीं दूसरी ओर भारतीय नागरिकों को सम्मानजनक तरीके से वापस भेजने की बात कही जा रही है।